जरुरी जानकारी | थोक उपभोक्ताओं को एफसीआई गेहूं की अगली ई-नीलामी 15 फरवरी को होगी: सरकार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. खुले बाजार में बिक्री के तहत आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को एफसीआई गेहूं की बिक्री के लिए अगली ई-नीलामी 15 फरवरी को होगी। खाद्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी।

एजेंसी न्यूज Bhasha|
जरुरी जानकारी | थोक उपभोक्ताओं को एफसीआई गेहूं की अगली ई-नीलामी 15 फरवरी को होगी: सरकार

नयी दिल्ली, चार फरवरी खुले बाजार में बिक्री के तहत आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को एफसीआई गेहूं की बिक्री के लिए अगली ई-नीलामी 15 फरवरी को होगी। खाद्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी।

सरकारी उपक्रम, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को देश में गेहूं और गेहूं उत्पादों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए खुले बाजार में बिक्री योजना�र्पमित्रों ने किया रेस्क्यू, सोशल मीडिया पर वीडियो आया सामने">Viral Video: हैदराबाद के संध्या थिएटर की पार्किंग में दिखाई दिया सांप, सर्पमित्रों ने किया रेस्क्यू, सोशल मीडिया पर वीडियो आया सामने

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जरुरी जानकारी | थोक उपभोक्ताओं को एफसीआई गेहूं की अगली ई-नीलामी 15 फरवरी को होगी: सरकार

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एजेंसी न्यूज Bhasha|
जरुरी जानकारी | थोक उपभोक्ताओं को एफसीआई गेहूं की अगली ई-नीलामी 15 फरवरी को होगी: सरकार

नयी दिल्ली, चार फरवरी खुले बाजार में बिक्री के तहत आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को एफसीआई गेहूं की बिक्री के लिए अगली ई-नीलामी 15 फरवरी को होगी। खाद्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी।

सरकारी उपक्रम, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को देश में गेहूं और गेहूं उत्पादों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए खुले बाजार में बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत थोक उपभोक्ताओं को अपने बफर स्टॉक से 25 लाख टन गेहूं बेचने की जिम्मेदारी दी गयी है।

ई-नीलामी के जरिए गेहूं की पहली बिक्री 1-2 फरवरी को हुई थी। 23 राज्यों में एफसीआई के डिपो से करीब 9.2 लाख टन गेहूं की बिक्री हुई। प्रत्येक बुधवार को साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित करने की योजना थी।

खाद्य मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘ई-नीलामी के जरिए गेहूं की दूसरी बिक्री पूरे देश में 15 फरवरी बुधवार को होगी।’’

इसका मतलब यह है कि एफसीआई अगले हफ्ते गेहूं की ई-नीलामी नहीं करेगा और मंत्रालय ने नीलामी नहीं कराने के कारणों के बारे में जानकारी नहीं दी है।

इस बीच, एफसीआई ने पहली ई-नीलामी के सभी विजेता बोलीदाताओं को निर्देश दिया है कि वे लागत को कम करें और देश भर के संबंधित डिपो से तुरंत स्टॉक उठा लें तथा कीमतों को काबू में लाने के लिए इसे संबंधित बाजारों में उपलब्ध कराएं।

इसमें कहा गया है, ‘‘ई-नीलामी में बेचे जाने वाले गेहूं को उठाने और आटा बाजार में उपलब्ध कराने के बाद कीमतों में और गिरावट आना तय है।’’

गेहूं की पेशकश 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य और भाड़ा शुल्क के साथ किया जा रहा है।

पिछले महीने, सरकार ने गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों की लगाम लगाने के लिए ओएमएसएस के तहत अपने बफर स्टॉक से खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने की योजना की घोषणा की थी।

इस 30 लाख टन गेहूं में से, एफसीआई, 25 लाख टन आटा ई-नीलामी के माध्यम से चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को और 2 लाख टन राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को बेचेगी।

लगभग तीन लाख टन गेहूं ई-नीलामी के बिना राज्य-सार्वजनिक उपक्रमों, केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ और नेफेड संघों, सहकारी समितियों और संघों को 2,350 रुपये प्रति क्विंटल की रियायती दर पर दिया जाएगा ताकि गेहूं को आटे में परिवर्तित किया जा सके और इसे 29.50 रुपये प्रति किलो के अधिकतम खुदरा कीमत (एमआरपी) पर जनता को दिया जा सके।

ओएमएसएस नीति के तहत, सरकार एफसीआई को थोक उपभोक्ताओं और निजी व्यापारियों को समय-समय पर खुले बाजार में पूर्व निर्धारित कीमतों पर खाद्यान्न, विशेष रूप से गेहूं और चावल बेचने की अनुमति देती है। इसका उद्देश्य मांग अधिक होने पर आपूर्ति को बढ़ाना तथा सामान्य खुले बाजार की कीमतों को कम करना है।

देश में गेहूं उत्पादन, फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया था। उत्पादन में कमी कुछ उत्पादक राज्यों में अचानक से गर्मी बढ़ने और लू चलने के कारण हुई।

पिछले साल के लगभग 4.3 करोड़ टन के खरीद के मुकाबले इस साल खरीद तेज गिरावट के साथ 1.9 करोड़ टन रह गई। चालू रबी (सर्दियों में बोई जाने वाली) मौसम में गेहूँ की फसल का रकबा थोड़ा अधिक है।

नई गेहूं की फसल की खरीद 15 मार्च से शुरू होगी।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

जरुरी जानकारी | थोक उपभोक्ताओं को एफसीआई गेहूं की अगली ई-नीलामी 15 फरवरी को होगी: सरकार

नयी दिल्ली, चार फरवरी खुले बाजार में बिक्री के तहत आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को एफसीआई गेहूं की बिक्री के लिए अगली ई-नीलामी 15 फरवरी को होगी। खाद्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी।

सरकारी उपक्रम, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को देश में गेहूं और गेहूं उत्पादों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए खुले बाजार में बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत थोक उपभोक्ताओं को अपने बफर स्टॉक से 25 लाख टन गेहूं बेचने की जिम्मेदारी दी गयी है।

ई-नीलामी के जरिए गेहूं की पहली बिक्री 1-2 फरवरी को हुई थी। 23 राज्यों में एफसीआई के डिपो से करीब 9.2 लाख टन गेहूं की बिक्री हुई। प्रत्येक बुधवार को साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित करने की योजना थी।

खाद्य मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘ई-नीलामी के जरिए गेहूं की दूसरी बिक्री पूरे देश में 15 फरवरी बुधवार को होगी।’’

इसका मतलब यह है कि एफसीआई अगले हफ्ते गेहूं की ई-नीलामी नहीं करेगा और मंत्रालय ने नीलामी नहीं कराने के कारणों के बारे में जानकारी नहीं दी है।

इस बीच, एफसीआई ने पहली ई-नीलामी के सभी विजेता बोलीदाताओं को निर्देश दिया है कि वे लागत को कम करें और देश भर के संबंधित डिपो से तुरंत स्टॉक उठा लें तथा कीमतों को काबू में लाने के लिए इसे संबंधित बाजारों में उपलब्ध कराएं।

इसमें कहा गया है, ‘‘ई-नीलामी में बेचे जाने वाले गेहूं को उठाने और आटा बाजार में उपलब्ध कराने के बाद कीमतों में और गिरावट आना तय है।’’

गेहूं की पेशकश 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य और भाड़ा शुल्क के साथ किया जा रहा है।

पिछले महीने, सरकार ने गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों की लगाम लगाने के लिए ओएमएसएस के तहत अपने बफर स्टॉक से खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचने की योजना की घोषणा की थी।

इस 30 लाख टन गेहूं में से, एफसीआई, 25 लाख टन आटा ई-नीलामी के माध्यम से चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को और 2 लाख टन राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को बेचेगी।

लगभग तीन लाख टन गेहूं ई-नीलामी के बिना राज्य-सार्वजनिक उपक्रमों, केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ और नेफेड संघों, सहकारी समितियों और संघों को 2,350 रुपये प्रति क्विंटल की रियायती दर पर दिया जाएगा ताकि गेहूं को आटे में परिवर्तित किया जा सके और इसे 29.50 रुपये प्रति किलो के अधिकतम खुदरा कीमत (एमआरपी) पर जनता को दिया जा सके।

ओएमएसएस नीति के तहत, सरकार एफसीआई को थोक उपभोक्ताओं और निजी व्यापारियों को समय-समय पर खुले बाजार में पूर्व निर्धारित कीमतों पर खाद्यान्न, विशेष रूप से गेहूं और चावल बेचने की अनुमति देती है। इसका उद्देश्य मांग अधिक होने पर आपूर्ति को बढ़ाना तथा सामान्य खुले बाजार की कीमतों को कम करना है।

देश में गेहूं उत्पादन, फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया था। उत्पादन में कमी कुछ उत्पादक राज्यों में अचानक से गर्मी बढ़ने और लू चलने के कारण हुई।

पिछले साल के लगभग 4.3 करोड़ टन के खरीद के मुकाबले इस साल खरीद तेज गिरावट के साथ 1.9 करोड़ टन रह गई। चालू रबी (सर्दियों में बोई जाने वाली) मौसम में गेहूँ की फसल का रकबा थोड़ा अधिक है।

नई गेहूं की फसल की खरीद 15 मार्च से शुरू होगी।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

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