न्यूजक्लिक मामला: अदालत ने प्राथमिकी की प्रति मुहैया कराने के अनुरोध वाली याचिकाएं मंजूर की
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नयी दिल्ली,5 अक्टूबर: दिल्ली की एक अदालत ने आतंकवाद रोधी कानून ‘यूएपीए’ के तहत दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किये गए न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन (एचआर) विभाग प्रमुख अमित चक्रवर्ती की उन याचिकाओं को बृहस्पतिवार को मंजूर कर लिया जिसमें प्राथमिकी की एक प्रति मुहैया कराये जाने का अनुरोध किया गया है. पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को चीन के समर्थन में ‘प्रोपेगेंडा’ चलाने के लिए धन प्राप्त करने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया है.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने दिल्ली पुलिस को दोनों को प्राथमिकी की एक प्रति मुहैया कराने का निर्देश दिया. इस संबंध में विस्तृत आदेश का इंतजार है. सुनवाई के दौरान चक्रवर्ती के वकील ने दिल्ली पुलिस द्वारा उनके मुवक्किल की गिरफ्तारी का आधार लिखित में बताये जाने का अनुरोध भी किया. उन्होंने कहा कि किसी आरोपी की गिरफ्तारी का आधार बताना एक संवैधानिक सुरक्षा है.

वकील ने उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय के कुछ फैसलों का हवाला दिया और कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ यूएपीए के तहत कथित अपराध ‘‘गंभीर’’ हैं लेकिन अभियोजन द्वारा आरोपी को प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध कराने से इनकार का कोई वैधानिक आधार नहीं है.

वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेश हुए पुरकायस्थ के वकील ने कहा कि प्राथमिकी की प्रति प्राप्त करना आरोपी का अधिकार है. विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का हवाला दिया और कहा कि आरोपियों को पुलिस आयुक्त के पास जाना होगा जो अनुरोध पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करेंगे. उन्होंने कहा कि आरोपियों को उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित ‘‘प्रक्रिया का चरणबद्ध तरीके’’ से पालन करना होगा. श्रीवास्तव ने कहा कि आरोपियों ने ‘‘समय से पूर्व’ याचिका दायर की है और वे ‘‘सीधे अदालत का रुख’’ नहीं कर सकते.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने गिरफ्तारी का आधार बताया है और हिरासत में लेने की वजहें बतायी है। हमने प्रावधानों का पालन किया है.’’

विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) ने हिरासत पेपर का हवाला देते हुए कहा कि आरोपियों ने कश्मीर के बिना भारत के मानचित्र पर चर्चा में शामिल होकर और अरुणाचल प्रदेश को विवादित क्षेत्र के रूप में दिखाने के अलावा देश की एकता और क्षेत्रीय अखंडता को क्षति पहुंचायी. उन्होंने कहा कि विदेशी वित्तपोषण की आड़ में उन्हें 115 करोड़ रुपये मिले.

उन्होंने कहा, ‘‘जब हमने पुलिस हिरासत का अनुरोध किया तो हमने इस अदालत को (गिरफ्तारी का आधार) विधिवत सूचित किया था और आरोपियों को उनके परिवार के सदस्यों और वकील से बात करने की अनुमति दी गई थी.’’ दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने मंगलवार को पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने दिल्ली में ‘न्यूजक्लिक’ के कार्यालय को सील भी कर दिया है.

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