अहमदाबाद, 15 अक्टूबर गुजरात सरकार ने मंगलवार को अपनी नई कपड़ा नीति की घोषणा की। इसमें राज्य में इकाइयां स्थापित करने के इच्छुक उद्यमियों को कई तरह की सब्सिडी और वित्तीय प्रोत्साहन की पेशकश की गई है।
गांधीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में 'गुजरात टेक्सटाइल नीति 2024' पेश करते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि राज्य को कपड़ा क्षेत्र में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने की उम्मीद है।
वर्ष 2019 में घोषित पिछली पांच साल की कपड़ा नीति की अवधि इस साल समाप्त हो गई।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि यह नीति कपड़ा क्षेत्र में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने में मददगार होगी। इस नीति का एक उद्देश्य गुजरात को तकनीकी कपड़ा क्षेत्र का वैश्विक केंद्र बनाना है। हमने इस क्षेत्र में लगे महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए उच्च आय सुनिश्चित करने के लिए भी प्रावधान किए हैं।’’
यह नीति कपड़ा क्षेत्र में निवेश और विस्तार को प्रोत्साहित करने के लिए कई राजकोषीय प्रोत्साहन प्रदान करती है। इनमें पात्र स्थिर पूंजी निवेश (ईएफसीआई) के 10 प्रतिशत से 35 प्रतिशत तक की पूंजी सब्सिडी शामिल है, जो स्थान, गतिविधि और रोजगार के आधार पर 150 करोड़ रुपये तक सीमित है।
इसके अतिरिक्त, आठ साल तक के लिए पात्र स्थिर पूंजी निवेश के पांच प्रतिशत से सात प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी उपलब्ध है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि अन्य प्रोत्साहनों में, पांच साल तक एक रुपये प्रति यूनिट की बिजली शुल्क सब्सिडी, प्रति कर्मचारी 2,000 से 5,000 रुपये प्रति माह की पेरोल सहायता (महिला श्रमिकों के लिए अतिरिक्त सहायता के साथ), और पेरोल और प्रशिक्षण सहायता के रूप में स्वयं सहायता समूहों के लिए समर्पित समर्थन शामिल है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि नीति में रोजगार सृजन पर जोर है। इस पहल का उद्देश्य गुजरात के कपड़े से जुड़े बुनियादी ढांचे में सुधार करना, नए निवेश आकर्षित करना और हजारों नौकरियां पैदा करना है।
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