जरुरी जानकारी | गुजरात में किसानों को फसल के नुकसान की भरपाई के लिए नई योजना की शुरूआत

गांधीनगर, 10 अगस्त गुजरात सरकार ने सोमवार को एक नई योजना शुरू की, जिसके तहत सूखे, अत्यधिक बारिश या बेमौसम बरसात के कारण फसल नुकसान का सामना करने वाले किसानों को, बिना कोई किसी प्रीमियम दिये, मुआवजा मिलेगा।

गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपानी ने यहां घोषणा की कि नई योजना - मुख्‍यमंत्री किसान सहाय योजना - केवल इस वर्ष के लिए प्रधान मंत्री आवास बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की जगह लेगी।

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रूपानी ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र की फसल बीमा योजना से अलग, किसानों को इस खरीफ सत्र में सूखे, अधिक या बेमौसम बारिश जैसे प्राकृतिक जोखिमों से सुरक्षा पाने के लिए इस नई राज्य सरकार की योजना के तहत किसी भी प्रीमियम का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।

रुपानी ने कहा, ‘‘केवल इस वर्ष के लिए, हम पीएमएफबीवाई को मुख्‍य मंत्री किसान सहाय योजना के साथ बदल रहे हैं, क्‍योंकि बीमा कंपनियों ने इस बार हमसे बहुत अधिक प्रीमियम की मांग की है। यदि हम उनका टेंडर मंजूर करते हैं, तो राज्य सरकार को अपने हिस्से के रूप में 4,500 करोड़ रुपये देने होंगे।”

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उन्होंने कहा कि इस साल बीमा कंपनियों द्वारा मांगी गई राशि औसतन लगभग 1,800 करोड़ रुपये के प्रीमियम से अधिक है।

गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘इस प्रकार, हमने इस वर्ष के लिए निविदा स्वीकार नहीं करने और इस योजना को शुरू करने का फैसला किया है। न तो राज्य और न ही किसानों को इस वर्ष कोई प्रीमियम देना होगा। पीएमएफबीवाई में केवल उन किसानों को सुरक्षा कवच मिलता है जो प्रीमियम का भुगतान करते हैं, लेकिन इसके विपरीत हमारी योजना सभी किसानों को फसलों के लिए सुरक्षा कवच प्रदान करेगी वह भी बिना किसी प्रीमियम अदायगी के।’’

उन्होंने कहा कि इस खरीफ (मानसून) के मौसम में फसल बोने वाले किसानों को इस योजना के तहत लाभ मिलेगा।

रूपानी ने कहा कि मुआवजा तभी दिया जाएगा, जब सूखा या अधिक बारिश या बेमौसम बारिश के कारण फसल का नुकसान 33 फीसदी से ज्यादा का होगा।

उन्होंने कहा कि एक किसान अधिकतम चार हेक्टेयर भूमि का मुआवजा पाने के लिए पात्र है। उन्होंने कहा कि 33 प्रतिशत और 66 प्रतिशत के बीच फसल के नुकसान के लिए, एक किसान को अधिकतम चार हेक्टेयर के लिए प्रति हेक्टेयर 20,000 रुपये का मुआवजा मिलेगा।

उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक की फसल हानि के लिए, अधिकतम चार हेक्टेयर के लिए एक किसान को प्रति हेक्टेयर 25,000 रुपये मिलेंगे।

रूपानी ने स्पष्ट किया कि इस योजना के तहत भुगतान किए गए मुआवजे के अलावा, किसान प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल के नुकसान के मामले में राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के तहत अतिरिक्त मुआवजा पाने के लिए भी पात्र होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस नई योजना से राज्य के सभी 56 लाख किसानों को लाभ होगा। यह पीएमएफबीवाई से भी सरल है। हम एक समर्पित पोर्टल शुरू करेंगे, ताकि किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकें। वन अधिकार अधिनियम के तहत पंजीकृत आदिवासी किसान भी इस योजना के लिए पात्र होंगे।’’

चूंकि राज्य सरकार ने पहले ही फसल बीमा प्रीमियम का भुगतान करने के लिए 1,800 करोड़ रुपये अलग रखे थे, इसलिए अब इस धन का उपयोग इस योजना के लिए किया जाएगा।

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