NEET-UG Paper Leak Case: राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा लीक मामले में बिहार पुलिस की कार्रवाई, 5 और लोग गिरफ्तार, CBI ने जांच अपने हाथ में ली

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश के बाद मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं की जांच रविवार को सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली, जबकि बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने पांच और लोगों को गिरफ्तार किया.

(Photo Credits Pixabay)

NEET-UG Paper Leak Case: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश के बाद मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं की जांच रविवार को सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली, जबकि बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने पांच और लोगों को गिरफ्तार किया, जिसके साथ ही कथित पेपर लीक मामले में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या बढ़कर 18 हो गई है. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने कदाचार का पता चलने के बाद 17 अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया.

पांच मई को आयोजित हुई परीक्षा रद्द करने की मांग के बीच मंत्रालय के अधिकारियों ने सरकार का पिछला रुख दोहराया कि गड़बड़ी की घटनाएं “स्थानीय” और छिटपुट स्तर पर हुईं तथा उन लाखों परीक्षार्थियों के करियर को खतरे में डालना उचित नहीं है, जिन्होंने परीक्षा सही ढंग से उत्तीर्ण की.

उच्चतम न्यायालय में मामला पहुंचने के बाद जिन 1,563 छात्रों कृपांक (ग्रेस मार्क्स) रद्द कर दिए गए थे, उनके लिए रविवार को दोबारा परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें उनमें से केवल 813 परीक्षार्थी शामिल हुए. यह भी पढ़े: NEET Paper Leak Latur Connection: राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा लीक मामले में महाराष्ट्र ATS की बड़ी कार्रवाई, बिहार और झारखंड के बाद लातूर से दो लोग गिरफ्तार

इन अभ्यर्थियों को पांच मई को परीक्षा शुरू होने में देरी के कारण छह केंद्रों पर समय की हानि की भरपाई के लिए एनटीए ने कृपांक दिए थे। आरोप हैं कि इससे अंकों में वृद्धि हुई और कृपांक पाने वाले हरियाणा के एक ही केंद्र के छह परीक्षार्थियों समेत कुल 67 परीक्षार्थियों ने 720 अंक हासिल किए.

इस वर्ष लगभग 24 लाख में से 13 लाख से अधिक परीक्षार्थी नीट-यूजी में उत्तीर्ण हुए, जिन्हें लगभग 1.8 लाख एमबीबीएस/दंत चिकित्सा सीटों पर दाखिला दिया जाना है. देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और मुकदमेबाजी के बीच सीबीआई ने भादंसं की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) समेत अन्य धाराओं के तहत नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की.

बिहार और गुजरात सरकार ने भी रविवार को नीट-यूजी पेपर लीक के मामलों को सीबीआई को स्थानांतरित करने के लिए एक अधिसूचना जारी की, जिससे केंद्रीय एजेंसी के लिए जांच का मार्ग प्रशस्त हो गया.

बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने शनिवार को शिक्षा मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसके बाद व्यापक जांच के लिए जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. ईओयू ने रविवार देर शाम पटना में जारी एक बयान में कहा कि गिरफ्तार किए गए पांचों लोगों को शनिवार को झारखंड के देवघर से हिरासत में लिया गया था। उनकी पहचान बलदेव कुमार, मुकेश कुमार, पंकू कुमार, राजीव कुमार और परमजीत सिंह के रूप में की गई। सभी मूल रूप से नालंदा के रहने वाले हैं.

बयान में कहा गया कि कुख्यात संजीव कुमार उर्फ ​​लूटन मुखिया गिरोह से जुड़े बलदेव कुमार को कथित तौर पर परीक्षा से एक दिन पहले अपने मोबाइल फोन पर पीडीएफ प्रारूप में नीट-यूजी परीक्षा की हल की गई उत्तर पुस्तिका प्राप्त हुई थी.  इसमें दावा किया गया है कि मुखिया गिरोह के सदस्यों ने ही उत्तर पुस्तिका लीक की थी.

जांच से पता चला कि बलदेव और उसके सहयोगियों ने चार मई को पटना के राम कृष्ण नगर में एक घर में छात्रों को हल की गई उत्तर पुस्तिका बांटी थी। पहले गिरफ्तार किए जा चुके दो व्यक्ति नीतीश कुमार और अमित आनंद परीक्षार्थियों को वहां लेकर गए थे.  बयान के मुताबिक, मुखिया गिरोह ने लीक हुआ नीट-यूजी प्रश्न पत्र कथित तौर पर झारखंड के हजारीबाग के एक निजी स्कूल से प्राप्त किया था.

इसमें कहा गया है कि जांचकर्ताओं ने पटना के मकान से बरामद आंशिक रूप से जले हुए प्रश्न पत्र का राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा उपलब्ध कराए गए संदर्भ प्रश्न पत्र से मिलान किया, जिससे लीक की पुष्टि हुई.  बयान में दावा किया गया है कि प्रश्न पत्रों को संभालने और भेजने के लिए एनटीए द्वारा निर्धारित मानक प्रक्रिया की भी कथित तौर पर अवहेलना हुई.

ईओयू ने प्रश्न पत्रों को एक स्थान से दूसरे स्थानों पर ले जाने से जुड़े कई लोगों से पूछताछ की, जिनमें बैंक अधिकारी और एक कूरियर कंपनी के कर्मचारी भी शामिल थे.मुखिया और उसके गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए छापे मारे जा रहे हैं.

ईओयू ने पिछले महीने मामले के सिलसिले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. एनटीए के एक अधिकारी ने कहा, "प्राप्त जानकारी के आधार पर बिहार के केंद्रों से परीक्षा देने वाले 17 परीक्षार्थियों को परीक्षा की अनुमति नहीं दी गई. इससे इस साल परीक्षा से वंचित होने वाले कुल परीक्षार्थियों की संख्या 110 हो गई है. एजेंसी ने पहले परीक्षा में अनुचित साधन अपनाने के लिए 63 उम्मीदवारों को परीक्षा में बैठने नहीं दिया था. शनिवार को गुजरात के गोधरा के 30 परीक्षार्थियों को भी परीक्षा से बाहर कर दिया गया था.

अधिकारियों ने कहा कि मंत्रालय सीबीआई को दी एक शिकायत में आरोप लगाया कि परीक्षा के आयोजन के दौरान कुछ राज्यों में "कुछ छिटपुट घटनाएं" हुईं. सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, "शिक्षा मंत्रालय ने सीबीआई से परीक्षार्थियों, संस्थानों और बिचौलियों की साजिश, धोखाधड़ी, विश्वासघात और सबूतों को नष्ट करने समेत कथित अनियमितताओं की व्यापक जांच करने का अनुरोध किया है. अधिकारियों के अनुसार, परीक्षा के संचालन और पूरे घटनाक्रम में लोक सेवकों की भूमिका, यदि कोई हो, और बड़ी साजिश भी जांच के दायरे में होगी.

अधिकारियों ने कहा कि मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, सीबीआई ने गुजरात के गोधरा और पटना में विशेष टीम भेजी हैं, जहां पुलिस ने प्रश्न पत्र लीक के मामले दर्ज किए हैं. इस बीच, महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने कथित अनियमितताओं के संबंध में लातूर जिले में एक निजी कोचिंग के दो शिक्षकों से पूछताछ की.

केंद्र ने शनिवार रात एनटीए डीजी सुबोध कुमार सिंह को हटाकर अगले आदेश तक "अनिवार्य प्रतीक्षा" पर रखा है. इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमले तेज करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने रविवार को शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग की, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इसकी जिम्मेदारी दूसरों पर डालने के बजाय सरकार के शीर्ष नेतृत्व को खुद लेनी चाहिए और नौकरशाहों में फेरबदल कोई समाधान नहीं है. केंद्र द्वारा यूजीसी-नेट रद्द करने और नीट-पीजी व सीएसआईआर-यूजीसी-नेट स्थगित करने के बाद पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पूरी शिक्षा प्रणाली को "माफिया" और "भ्रष्ट व्यक्तियों" को सौंप दिया है.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा कि परीक्षा रद्द करना कोई एक बार की घटना नहीं है, "बल्कि केंद्र सरकार की बेकार और टूटी-फूटी प्रणाली के ताबूत में अंतिम कील है.

हालांकि, भाजपा ने कहा कि सरकार ने नीट के मुद्दे को गंभीरता से लिया है. भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, "सरकार ने लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को अधिसूचित किया, परीक्षा प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और खामियों को दूर करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति नियुक्त की, एनटीए डीजी को हटाया, नीट (यूजी) मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया, इसके अलावा कई परीक्षाओं को स्थगित कर दिया.

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस का सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) बिहार में पेपर लीक से जुड़ा है और उसके नेताओं को इस मुद्दे पर ''गंदी राजनीति'' नहीं करनी चाहिए. सूत्रों ने बताया कि परीक्षा सुधारों को लेकर सुझाव देने और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी के कामकाज की समीक्षा के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की उच्चस्तरीय समिति सोमवार को बैठक करेगी.

मंत्रालय ने शनिवार को एनटीए के माध्यम से परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए पूर्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति गठित की थी. एनटीए ने रविवार को यह भी स्पष्ट किया कि उसकी वेबसाइट और उसके सभी अन्य वेब पोर्टल पूरी तरह से सुरक्षित हैं, और इनसे छेड़छाड़ और हैक होने की खबरें गलत व भ्रामक हैं.

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