देश की खबरें | राकांपा ने अपने मंत्री के खिलाफ लगे आरोप को गंभीर बताया, भाजपा ने की इस्तीफे की मांग
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

मुंबई, 14 जनवरी बलात्कार का आरोप झेल रहे महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुंबई की महिला द्वारा उनपर लगाए गए आरोप गंभीर हैं और इस मुद्दे पर पार्टी में विचार के बाद फैसला लिया जाएगा।

राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मंत्री के खिलाफ लगे आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और पार्टी आपस में इस मुद्दे पर चर्चा करके शीघ्र फैसला करेगी।

पवार ने पत्रकारों से कहा कि मुंडे (45) ने बुधवार को उनसे भेंट करके आरोपों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उनके (मुंडे) खिलाफ लगे आरोप गंभीर हैं। ऐसे में हमें इस मुद्दे पर पार्टी में चर्चा करनी होगी। मैं अपने महत्वपूर्ण सहयोगियों के साथ इसपर विस्तार से चर्चा करुंगा और उन्हें विश्वास में लूंगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उनके विचार जानने के बाद आगे कदम उठाया जाएगा। हम यह यथाशीघ्र करेंगे।’’

मुंडे ने संवाददाताओं से कहा कि उनके इस्तीफे के मामले में पवार और पार्टी के अन्य नेता फैसला लेंगे।

महाराष्ट्र राकांपा के अध्यक्ष और मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि किसी ने आरोप लगाए हैं सिर्फ इस आधार पर मुंडे इस्तीफा नहीं देंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राकांपा में चर्चा होगी और तथ्यों के आधार पर फैसला लिया जाएगा।

पत्रकारों से बातचीत में जयंत पाटिल ने कहा कि मामले की पुलिस जांच के परिणाम के आधार पर ही कोई निष्कर्ष निकाला जाएगा।

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि अभी तक पार्टी में मुंडे के इस्तीफा को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है और न हीं उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की है।

जयंत पाटिल ने कहा कि मुंडे को ब्लैकमेल किया जा रहा है और उन्होंने इस संबंध में पुलिस में शिकायत भी दर्ज करायी है। उन्होंने कहा कि हमें पुलिस जांच के परिणाम के आधार पर ही कोई निष्कर्ष निकालना चाहिए और हमें यूंही किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए।

जयंत पाटिल ने कहा कि मुंडे ने महिला द्वारा कथित रूप से ब्लैकमेल किए जाने का मामला बांद्रा थाने में दर्ज कराया था लेकिन पुलिस ने उसपर कोई संज्ञान नहीं लिया। उन्होंने कहा, इसी कारण मुंडे इस मामले में उच्च न्यायालय भी गए।

उन्होंने कहा, ‘‘अब पुलिस को इस मामले में प्राथमिक जांच करनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि आप इसपर संज्ञान लेंगे कि कोई महिला अनर्गल आरोप लगाकर एक नेता को बदनाम करने का प्रयास कर रही है।’’

पवार के विचार दोहराते हुए पाटिल ने कहा कि मुंडे के खिलाफ लगे आरोप गंभीर हैं और तथ्यों की जांच किए जाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि अगर किसी के खिलाफ कोई आरोप लगता है तो ऐसे में पार्टी से आशा की जाती है कि वह तथ्यों की जांच किए बगैर कोई फैसला नहीं करेगी।

जयंत पाटिल ने कहा कि शिवसेना नीत राज्य सरकार इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर रही है। गौरतलब है कि राज्य में शिवसेना-राकांपा-कांगेस गठबंधन की सरकार सत्ता में है।

पाटिल ने कहा कि पार्टी के भीतर हालात की समीक्षा की जाएगी। जरुरत होने पर हम तथ्यों के आधार पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के स्तर पर उचित रुख लेंगे।

उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होगा कि सिर्फ किसी के आरोप लगाने के कारण वह इस्तीफा दे दें।

गायिका बनने की इच्छुक 37 वर्षीय महिला ने 10 जनवरी को मुंबई के पुलिस आयुक्त को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि 2006 में मुंडे ने उसके साथ बार-बार बलात्कार किया। महिला ने दावा किया कि उसने पहले ओशिवरा थाने में शिकायत दी थी लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया।

बीड़ जिले से राकांपा नेता मुंडे ने आरोपों से इंकार करते हुए दावा किया है कि महिला और उसकी बहन उन्हें ब्लैकमेल कर रही है।

पत्रकारों से बातचीत में शिवसेना नेता संजय राउत ने मुंडे से जुड़े मामले को निजी और पारिवारिक बताया।

राउत ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमें इसे धनंजय मुंडे पर छोड़ देना चाहिए। यह पूरी तरह से उनका निजी और पारिवारिक मामला है। वह इसका कोई रास्ता निकालेंगे।’’

उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर फैसला लेने के लिए राकांपा नेतृत्व विवेकी और परिपक्व है।

किसी विपक्षी पार्टी का नाम लिए बगैर राउत ने कहा कि यह उनका भ्रम है कि मुंडे के चरित्र पर कींचड़ उछाल कर वे महा विकास अघाड़ी सरकार को कमजोर कर देंगे।

राउत ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि विपक्ष ने सीधे-सीधे आरोप लगाया है। लेकिन मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि यह राजनीतिक मामला नहीं है, यह परिवार का मुद्दा है।’’

इसबीच विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने मुंडे के इस्तीफे की मांग की। राज्य भाजपा प्रमुख चन्द्रकांत पाटिल ने कहा कि मुंडे को इस्तीफा देना चाहिए।

चन्द्रकांत पाटिल ने कहा, ‘‘मंत्री मुंडे पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है और उन्हें कैबिनेट में रहने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसे आरोप के बाद एक मंत्री तुरंत इस्तीफा देता लेकिन मोटी चमड़ी वाली इस सरकार द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई की आशा नहीं है, लेकिन हम मांग को लेकर दबाव बनाएंगे।’’

लेकिन, विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने मुंडे के खिलाफ आरोपों और उनके इस्तीफे के बारे में पूछने पर बेहद एहतियात के साथ जवाब दिया।

फडणवीस ने कहा, ‘‘कोई मांग करने से पहले हमें दोनों पक्षों पर विचार करना होगा। पार्टी (राकांपा) और मुख्यमंत्री को इसे देखना चाहिए।’’

मुंडे (45) ने कहा कि महिला का दावा उन्हें ब्लैकमेल करने की साजिश का हिस्सा है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि वह महिला की बहन के साथ प्रेम संबंध में थे और उनके दो बच्चे भी हैं।

मुंडे ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि उनकी पत्नी, परिवार और मित्रों को इस संबंध के बारे में पता था और उनके परिवार ने दोनों बच्चों को स्वीकार भी किया है।

उन्होंने कहा कि जिस महिला के साथ उनके संबंध थे, वह 2019 से ही उन्हें ब्लैकमेल कर रही है। उन्होंने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी और बंबई उच्च न्यायालय का रुख कर उनके खिलाफ मानहानिकारक सामग्री के वितरण पर रोक लगाने की मांग की थी।

भाजपा नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि मुंडे ने अपने चुनावी हलफनामे में इस महिला के साथ अपने बच्चों का जिक्र नहीं किया है।

इसबीच एनसीबी द्वारा मादक पदार्थों से जुड़े एक मामले में राकांपा नेता और कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक के दामाद की गिरफ्तारी के संदर्भ में जयंत पाटिल ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता है कि इसका मलिक पर कोई असर होना चाहिए क्योंकि उनके दामाद ने अपराध किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें नहीं पता है कि उन्होंने (मलिक के दामाद) कोई गलती की है या नहीं। जांच में यह बात सामने आएगी।’’

एक अन्य सवाल पर पाटिल ने कहा कि केन्द्र जांच एजेंसियों का उपयोग करने विपक्ष को परेशान कर रही है।

मलिक के दामाद के खिलाफ एनसीबी की कार्रवाई के बारे में सवाल करने पर राउत ने कहा, ‘‘केन्द्र की टीम ने मलिक के रिश्तेदार के खिलाफ कार्रवाई की है। यह क्या है, स्पष्ट है। मलिक महा विकास अघाड़ी का पक्ष मजबूती के साथ रखते हैं।’’

राउत ने कहा कि उन्हें इस मामले की विस्तृत जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आज देखा कि ईडी ने तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख नेताओं के परिसरों पर छापा मारा है। यह लोगों के मन में संदेह पैदा करता है कि कहीं नेताओं को सोच समझकर निशाना तो नहीं बनाया जा रहा।’’

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