मुंबई, तीन दिसंबर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने शनिवार को कर्नाटक-महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की टिप्पणी पर महाराष्ट्र सरकार, भाजपा और केंद्र सरकार की ‘डरावनी चुप्पी’ पर सवाल उठाया। पार्टी ने दावा किया कि इसने मतभेदों को एक बार फिर सामने ला दिया है।
बोम्मई ने हाल ही में मांग की थी कि महाराष्ट्र के अक्कलकोट और सोलापुर के कन्नड़ भाषी इलाकों को कर्नाटक में शामिल किया जाए। उन्होंने यह भी कहा था कि सांगली जिले में जाट तालुका के कुछ गांवों के लोग दक्षिणी राज्य में शामिल होना चाहते हैं।
एक दिन पहले बोम्मई ने कहा था कि महाराष्ट्र के मंत्रियों चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई का बेलगाम दौरा वर्तमान हालात के मद्देनजर ठीक नहीं था।
दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से सीमा विवाद है। महाराष्ट्र लंबे समय से कर्नाटक के बेलगांव और कुछ अन्य मराठी भाषी गांवों पर प्रशासनिक नियंत्रण की मांग करता रहा है।
राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने पूछा, ‘‘ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की ओर से सीमा विवाद का मुद्दा उठाने और इसपर अनावश्यक टिप्पणी करने के मामले में केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार और भाजपा क्यों ‘डरावनी चुप्पी’ साधे हुए है।’’
क्रैस्टो ने कहा कि बोम्मई ने पहले एक अदालत में विचाराधीन सीमा मामले में बयान दिया, जिसके कारण दोनों राज्यों में शांति बाधित हुई और अब वह कहते हैं कि महाराष्ट्र के मंत्रियों को बेलगावी नहीं आना चाहिए था, क्योंकि परिस्थिति अनुकूल नहीं है।
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