Delhi Heat: NCDC ने गर्मी से होने वाली मौतों की पहचान के लिए दिशानिर्देश प्रकाशित किए
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने कहा है कि जहां मृत्यु पूर्व शरीर का तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस से अधिक या उसके बराबर रहा हो वहां मौत का कारण ‘हीट स्ट्रोक’ या ‘हाइपरथर्मिया’ के रूप में प्रमाणित किया जाना चाहिए.
नयी दिल्ली, 10 मई : राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने कहा है कि जहां मृत्यु पूर्व शरीर का तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस से अधिक या उसके बराबर रहा हो वहां मौत का कारण ‘हीट स्ट्रोक’ या ‘हाइपरथर्मिया’ के रूप में प्रमाणित किया जाना चाहिए. एनसीडीसी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में गर्मी से संबंधित मौत को ऐसी मौत के रूप में परिभाषित किया गया है जिसमें उच्च तापमान की वजह से जान गई हो.
इनमें यह भी कहा गया है कि ऐसे मामलों में जहां मृत्यु से पहले शरीर का तापमान स्थापित न किया जा सके लेकिन शरीर के निस्तेज होने के समय पर्यावरण का तापमान अधिक रहा हो तो गर्मी संबंधी निदान को मृत्यु के कारण या महत्वपूर्ण योगदान देने वाली स्थिति के रूप में सूचीबद्ध किया जाना चाहिए. यह भी पढ़ें : दिल्ली में धूल भरी आंधी के बाद हल्की बारिश, खराब मौसम के कारण नौ उड़ानों का गंतव्य बदला
दिशानिर्देशों में कहा गया, ‘‘इन मौतों में से एक बड़ी संख्या उन लोगों की हो सकती जिन्हें पहले से कोई बीमारी है जो गर्मी के कारण बढ़ती हो. इन मौतों को गर्मी से संबंधित मौत के रूप में प्रमाणित किया जा सकता है.’’