देश की खबरें | 21वीं सदी के भारत की नींव तैयार करने वाली है राष्ट्रीय शिक्षा नीति: मोदी
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, सात अगस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत की और नए भारत की नींव तैयार करने वाली है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ‘‘उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों’’ पर आयोजित एक सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतुष्टि जताई की देश के किसी भी क्षेत्र या वर्ग से भेदभाव संबंधी कोई शिकायत नहीं आई।

यह भी पढ़े | DU OBE Exam 2020: दिल्ली हाईकोर्ट ने DU को फाइनल ईयर स्टूडेंटस् के लिए ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा कराने की इजाजत दी.

उन्होंने कहा, ‘‘हर देश अपनी शिक्षा व्यवस्था को अपने राष्ट्रीय मूल्यों के साथ जोड़ते हुए, अपने राष्ट्रीय ध्येय के अनुसार सुधार करते हुए चलता है। मकसद ये होता है कि देश की शिक्षा प्रणाली अपनी वर्तमान औऱ आने वाली पीढ़ियों का भविष्य तैयार रखे और तैयार करे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति का आधार भी यही सोच है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत का और नए भारत की नींव तैयार करने वाली है।’’

यह भी पढ़े | उत्तर प्रदेश में होगा देश का पहला नियमित विधानसभा सत्र, 20 अगस्त से शुरू होगा सेशन.

मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आज देश भर में व्यापक चर्चा हो रही है। अलग-अलग क्षेत्र के लोग, अलग-अलग विचारधाराओं के लोग, अपने विचार प्रकट कर रहे हैं और इसकी समीक्षा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ये एक स्वस्थ चर्चा है, ये जितनी ज्यादा होगी, उतना ही लाभ देश की शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ये खुशी की बात है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद देश के किसी भी क्षेत्र से, किसी भी वर्ग से ये बात नहीं उठी कि इसमें किसी तरह का भेदभाव है, या किसी एक ओर झुकी हुई है। यह संकेत है कि लोग वर्षों से चली आ रही शिक्षा प्रणाली में बदलाव चाहते थे।‘‘

प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी तक जो हमारी शिक्षा व्यवस्था है, उसमें ‘‘क्या सोचना है’’ पर ध्यान केंद्रित रहा है जबकि इस शिक्षा नीति में ‘‘कैसे सोचना है’’ पर बल दिया जा रहा है।

इस सम्‍मेलन का आयोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा किया जा रहा है।

सम्‍मेलन के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत शामिल शिक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे कि समग्र, बहु-विषयक एवं भविष्य की शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान, और शिक्षा में बेहतर पहुंच के लिए प्रौद्योगिकी के समान उपयोग पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल और केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे के अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष और सदस्यों के साथ-साथ प्रख्यात शिक्षाविद् व वैज्ञानिक भी इस कार्याक्रम में शिरकत कर रहे हैं।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस सप्ताह की शुरुआत में नई शिक्षा नीति-2020 को मंजूरी प्रदान की थी। नई शिक्षा नीति ने 34 साल पुरानी शिक्षा नीति को बदला है, जिसे 1986 में लागू किया गया था। नई नीति का लक्ष्य भारत के स्कूलों और उच्च शिक्षा प्रणाली में इस तरह के सुधार करना है कि भारत दुनिया में ज्ञान का ‘सुपरपॉवर’ कहलाए।

ब्रजेन्द्र

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)