मुंबई, 25 अगस्त : महाराष्ट्र (Maharashtra) के महाड की एक अदालत ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे को जमानत देते हुए कहा कि उनकी गिरफ्तारी ‘‘सही’’ है, लेकिन हिरासत में रखकर पूछताछ करने की आवश्यकता नहीं. अदालत ने मंगलवार देर रात राणे को जमानत दे दी थी, जिसके आदेश की विस्तृत प्रति बुधवार को जारी की गई. मजिस्ट्रेट एसएस पाटिल ने आदेश में कहा, ‘‘ गिरफ्तारी के कारण और अन्य कारणों पर गौर करते हुए, मुझे लगता है कि गिरफ्तारी सही है.’’ अदालत ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि कुछ धाराएं जिनके तहत राणे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, वे गैर-जमानती हैं और उनमें उम्रकैद तथा मृत्यु दंड का प्रावधान नहीं है. अदालत ने कहा, ‘‘ इन तथ्यों पर गौर करते हुए, यदि अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जाता है तो अभियोजन पक्ष पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. आरोपी इस तरह का अपराध दोबारा ना करे.’’
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले से मंगलवार को दोपहर में राणे को गिरफ्तार किया गया था. राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं. उन्होंने कहा था, ‘‘ अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता. ’’ राणे को मंगलवार रात रायगढ़ जिले में महाड की एक अदालत में पेश किया गया था. पुलिस ने राणे की सात दिन हिरासत की मांग की थी, जिससे अदालत ने इनकार कर दिया और उन्हें चार सितम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद राणे के वकीलों ने जमानत याचिका दायर की थी. यह भी पढ़ें : Narayan Rane Gets Bail: सीएम उद्धव ठाकरे मामले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को जमानत मिलने के बाद ट्वीट, लिखा ‘सत्यमेव जयते’
अदालत ने जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद 15 हजार रुपये के मुचलके पर राणे को जमानत दे दी और उन्हें 30 अगस्त और 13 सितम्बर को पुलिस अधीक्षक अलीबाग (रायगढ़) के कार्यालय में हाजिरी लगाने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि अगर पुलिस राणे की आवाज का नमूना लेना चाहेगी तो वह उन्हें सूचित करेगी और राणे सहयोग करें. महाड में राणे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 189 (लोकसेवक को नुकसान पहुंचाने की धमकी देने) और धारा 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना) तथा धारा 505 (सार्वजनिक तौर पर शरारत से संबंधित बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है.