जे पी नड्डा ने बेलगावी की घटना की कड़ी निंदा की, तथ्यान्वेषी दल का किया गठन

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कर्नाटक के बेलगावी में एक महिला को निर्वस्त्र घुमाए जाने की घटना की शुक्रवार को कड़ी निंदा की और कहा कि यह मामला इस तरह के अपराधों से निपटने में कांग्रेस की सरकारों के ‘गैरजिम्मेदाराना व्यवहार’ को भी उजागर करता है.

(Photo Credit: Twitter)

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कर्नाटक के बेलगावी में एक महिला को निर्वस्त्र घुमाए जाने की घटना की शुक्रवार को कड़ी निंदा की और कहा कि यह मामला इस तरह के अपराधों से निपटने में कांग्रेस की सरकारों के ‘गैरजिम्मेदाराना व्यवहार’ को भी उजागर करता है. नड्डा ने इस घटना की विस्तार से जानकारी हासिल करने और केंद्रीय नेतृत्व को इसकी रिपोर्ट सौंपने के लिए एक पांच सदस्यीय तथ्यान्वेषी दल का भी गठन किया. इस दल में पार्टी की चार महिला सांसद अपराजिता सारंगी, सुनीता दुग्गल, लॉकेट चटर्जी, रंजीता कोली और पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा शामिल हैं.

पार्टी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कर्नाटक के बेलगावी में एक आदिवासी महिला को निर्वस्त्र कर के घुमाए जाने की घटना की कड़ी निंदा की है.’’ बयान के मुताबिक नड्डा ने कहा, ‘‘कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद से महिलाओं के खिलाफ इस तरह के जघन्य अपराध नियमित अंतराल पर हो रहे हैं. यह इस तरह के अपराधों से निपटने में देश में हर जगह कांग्रेस सरकारों के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार को भी उजागर करता है.’’ पार्टी की ओर से बताया गया कि पांच सदस्यीय तथ्यान्वेषी दल जल्द से जल्द घटनास्थल का दौरा करेगा और अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपेगा. यह भी पढ़ें : विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के बीच राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित

बेलगावी जिले के एक गांव में पिछले दिनों एक महिला को निर्वस्त्र घुमाने की घटना सामने आई थी. पीड़ित महिला का बेटा 11 दिसंबर की तड़के उस लड़की के साथ भाग गया था जिसकी सगाई किसी और से होने वाली थी. इसके बाद महिला के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई, उसे निर्वस्त्र कर घुमाया गया और बिजली के खंभे से बांध दिया गया.कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 12 दिसंबर को मीडिया में आई कुछ खबरों के आधार पर घटना का स्वत: संज्ञान लिया था और इसे ‘असाधारण मामला’ बताते हुए नाराजगी जाहिर की थी. अदालत ने दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने के निर्देश भी दिए थे.

Share Now

\