Bihar: पटना में मुस्लिम परिवार ने विश्व के सबसे बड़े मंदिर के लिए 2.5 करोड़ रुपये की जमीन दान कर पेश की भाईचारे की मिसाल

बताया जाता है कि विराट रामायण मंदिर कंबोडिया में विश्व प्रसिद्ध 12वीं शताब्दी के अंकोरवाट परिसर से भी ऊंचा होगा है, जो 215 फीट ऊंचा है. पूर्वी चंपारण के परिसर में ऊंचे शिखरों वाले 18 मंदिर होंगे और इसके शिव मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग होगा. कुल निर्माण लागत करीब 500 करोड़ रुपये आंकी गई है.

विराट रामायण मंदिर (Photo Credits: Twitter)

पटना: देश (Country) में सांप्रदायिक सौहार्द की एक मिसाल कायम करते हुए बिहार (Bihar) के एक मुस्लिम (Muslim) परिवार ने राज्य (State) के पूर्वी चंपारण जिले के कैथवलिया इलाके में बनने वाले दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिर (Hindu Temple)-विराट रामायण मंदिर- के लिए 2.5 करोड़ रुपये की जमीन दान में दी है. पटना (Patna) स्थित महावीर मंदिर ट्रस्ट (Mahavir Temple Trust) के प्रमुख आचार्य किशोर कुणाल (Kishor Kunal) ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि जमीन इश्तियाक अहमद खान (Ahmed Khan) ने दान की है जो गुवाहाटी (Guwahati) में रहने वाले पूर्वी चंपारण के एक व्यापारी हैं. Bihar Shocker: बिहार के गोपालगंज में डायन बताकर पड़ोसी ने महिला को मारी गोली, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक पूर्व अधिकारी कुणाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने हाल ही में केशरिया सब-डिवीजन (पूर्वी चंपारण) के रजिस्ट्रार कार्यालय में मंदिर निर्माण के लिए अपने परिवार से संबंधित भूमि की दान से संबंधित सभी औपचारिकताएं पूरी कीं.’’

आचार्य ने कहा कि खान और उनके परिवार का यह दान दो समुदायों के बीच सामाजिक समरसता और भाईचारे का एक बेहतरीन उदाहरण है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों की मदद के बिना इस महत्वाकांक्षी परियोजना को साकार करना मुश्किल होता.

महावीर मंदिर ट्रस्ट को अब तक इस मंदिर के निर्माण के लिए 125 एकड़ जमीन मिली है। ट्रस्ट को जल्द ही क्षेत्र में 25 एकड़ और जमीन भी मिल जाएगी.

बताया जाता है कि विराट रामायण मंदिर कंबोडिया में विश्व प्रसिद्ध 12वीं शताब्दी के अंकोरवाट परिसर से भी ऊंचा होगा है, जो 215 फीट ऊंचा है. पूर्वी चंपारण के परिसर में ऊंचे शिखरों वाले 18 मंदिर होंगे और इसके शिव मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग होगा. कुल निर्माण लागत करीब 500 करोड़ रुपये आंकी गई है. ट्रस्ट नयी दिल्ली में नये संसद भवन के निर्माण में लगे विशेषज्ञों से जल्द ही सलाह लेगा.

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