लॉकडाउन में सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल: मुंबई में मुसलमानों ने की हिंदू व्यक्ति के अंतिम संस्कार में मदद, अर्थी भी बनाई

पिछले कुछ महीने से पांडुरंग उबाले लकवाग्रस्त थे. उनकी मौत सोमवार को सिवड़ी के जकरिया बंदर क्षेत्र में हो गई. वह कई दशक से मुस्लिम बहुल इस क्षेत्र में अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहते थे.

मौत I प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

मुंबई: मुंबई में सांप्रदायिक सौहार्द्र की एक मिसाल देखने को मिली है जब सिवड़ी क्षेत्र में 72 वर्षीय एक हिंदू व्यक्ति के अंतिम संस्कार में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मदद की. बंद की वजह से मृतक के रिश्तेदारों यहां नहीं पहुंच पाए थे. पिछले कुछ महीने से पांडुरंग उबाले लकवाग्रस्त थे. उनकी मौत सोमवार को सिवड़ी के जकरिया बंदर क्षेत्र में हो गई. वह कई दशक से मुस्लिम बहुल इस क्षेत्र में अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहते थे.

सोमवार को उनकी मौत हो गई और मुंलुंड तथा बेलापुर में रहनेवाले उनके रिश्तेदार लॉकडाउन की वजह से नहीं पहुंच पाए. उबाले की पत्नी और बेटा अकेले अंतिम संस्कार की व्यवस्था करने में असमर्थ थे. उन्होंने इसकी जानकारी अपने मुस्लिम पड़ोसियों को दी. इसके बाद पड़ोसी मदद के लिए आगे आए और अर्थी भी उन्होंने ही बनाई. यह भी पढ़ें: लॉकडाउन के बीच मुंबई में भीषण सड़क हादसा, एक शख्स की मौत 2 घायल

अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले आसिफ शेख ने कहा, ‘‘ हम उबाले को लंबे समय से जानते थे. वह हमारे त्योहारों में और हम उनके त्योहारों में भी हिस्सा लेते थे. हम सभी उन्हें अलविदा कहने और अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए आगे आए.’’ पिछले महीने भी उपनगरीय बांद्रा में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने अपने हिंदू पड़ोसी को कंधा देकर श्मशान गृह तक पहुंचाया. मृतक के रिश्तेदार बंद की वजह से अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए थे.

Share Now

\