विदेश की खबरें | मुंबई आतंकी हमले के आरोपी राणा के वकील ने अदालत से कहा, उसके फरार होने का खतरा नहीं

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा जिसे 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में संलिप्तता के लिए भारत द्वारा प्रत्यर्पण के अनुरोध पर लॉस एंजिलिस में फिर से गिरफ्तार किया गया है, के वकील ने अमेरिकी अदालत से कहा है कि उसके विदेश भागने का खतरा नहीं है। राणा के वकील ने उसकी रिहाई के लिए 15 लाख डॉलर का बॉन्ड जमा करने की पेशकश की।

वाशिंगटन, 23 जून पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा जिसे 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में संलिप्तता के लिए भारत द्वारा प्रत्यर्पण के अनुरोध पर लॉस एंजिलिस में फिर से गिरफ्तार किया गया है, के वकील ने अमेरिकी अदालत से कहा है कि उसके विदेश भागने का खतरा नहीं है। राणा के वकील ने उसकी रिहाई के लिए 15 लाख डॉलर का बॉन्ड जमा करने की पेशकश की।

राणा (59) को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद हाल ही में अनुकंपा के आधार पर रिहा किया गया था। हालांकि भारत की ओर से प्रत्यर्पण का अनुरोध किए जाने के बाद 10 जून को उसे लॉस एंजिलिस से फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था।

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कैलिफोर्निया केंद्रीय जिला अदालत की न्यायाधीश जैकलीन चूलजियान ने बॉन्ड मामले की सुनवाई 30 जून के लिए निर्धारित किया है।

अंतरिम संघीय लोक प्रतिवादी ने एमी कारलिन ने राणा की तरफ से कहा, “राणा को एक मजबूत बॉन्ड पर रिहा किया जाना चाहिए : जो संपत्ति के रूप में कम से कम 15 लाख डॉलर का हो। यह संपत्ति परिवार व दोस्तों व उसकी बेटी, लीमान राणा की देखरेख में हो।”

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भारत ने कई अपराधों के सिलसिले में उसकी गिरफ्तारी का अनुरोध किया था जिसमें हत्या की साजिश रचने, धोखाधड़ी एवं हत्या के मकसद से जालसाजी की साजिश रचने जैसे अपराध शामिल हैं। वह 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में अपनी संलिप्तता के लिए वांछित है।

कारलिन ने तर्क दिया कि राणा के खिलाफ आपराधिक आरोप मुख्यत: उन आरोपों से मिलते-जुलते ही हैं जिसके लिए उसपर मुकदमा चल चुका है जैसे राणा ने अपने बचपन के दोस्त एवं पाकिस्तानी-अमेरिकी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड कोलमेन हेडली के साथ साजिश रच कर मुंबई आतंकवादी हमले को अंजाम दिया जिसमें छह अमेरिकियों सहित 166 लोगों की जान चली गई थी।

यह तर्क देते हुए कि प्रत्यर्पण की कार्रवाई लंबित रहने तक वह जमानत पाने का पात्र है, उसके वकील ने अदालत से कहा कि उसके विदेश भागने का खतरा, उसके बॉन्ड पैकेज और देश छोड़ने में उसे आने वाली दिक्कतों की वजह से न के बराबर है।

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