देश की खबरें | भारी बारिश से मुंबई बेहाल, शिंदे ने स्थिति की समीक्षा की, राहुल ने बाढ़ग्रस्त असम के लिए मांगी मदद

नयी दिल्ली, आठ जुलाई मानसून ने सोमवार को देश के कई हिस्सों, खासकर मुंबई में तबाही मचाई, जहां लोकल ट्रेन सेवाएं और उड़ान संचालन प्रभावित हुआ और आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। वहीं असम भी एक बार फिर बाढ़ से जूझ रहा है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जहां राज्य की राजधानी मुंबई और अन्य हिस्सों में स्थिति की समीक्षा के लिए कदम उठाया, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने असम के कछार जिले के फुलेरताल में बाढ़ राहत शिविर का दौरा किया।

पहाड़ी राज्य उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के साथ ही रेगिस्तानी राज्य राजस्थान को भी भारी बारिश का सामना करना पड़ा।

मुंबई में सोमवार को भारी बारिश के कारण सड़कों पर यातायात के साथ ही स्थानीय ट्रेन सेवाएं और उड़ान परिचालन प्रभावित हुआ।

शहर के कई निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। मुंबई, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के सभी स्कूल बंद रहे।

महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई, क्योंकि भारी बारिश के कारण कई सदस्य और अधिकारी विधान भवन नहीं पहुंच सके।

महाराष्ट्र के राहत एवं पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री अनिल पाटिल तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अमोल मिटकरी हावड़ा-मुंबई ट्रेन से उतरकर कुछ दूर तक पटरियों पर चलते देखे गए जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया है।

मुख्यमंत्री शिंदे ने मंत्रालय में एक बैठक की अध्यक्षता की और बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) नियंत्रण कक्ष का दौरा करके भारी बारिश की स्थिति का जायजा लिया।

अधिकारियों के मुताबिक, दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और पड़ोसी ठाणे के बीच मध्य रेलवे (सीआर) के मुख्य गलियारे की ‘फास्ट लाइन’ पर विभिन्न स्थानों पर जलभराव के कारण कुछ घंटों के लिए ट्रेन सेवाएं निलंबित कर दी गईं। बाद में यह फिर से शुरू की गईं।

मध्य रेलवे के अधिकारियों ने लोगों से कहा है कि जब तक अपरिहार्य न हो, यात्रा करने से बचें।

सूत्रों के अनुसार, भारी बारिश और कम दृश्यता के कारण सोमवार को मुंबई हवाई अड्डे की हवाईपट्टी पर परिचालन देर रात 2.22 बजे से तड़के 3.40 बजे तक स्थगित कर दिया गया और 50 उड़ानें रद्द कर दी गईं।

बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं यातायात (बेस्ट) उपक्रम के एक प्रवक्ता ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर सड़कों पर जलभराव के कारण शहर और उपनगरों में कम से कम 40 मार्गों पर चलने वाली बसों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है या उनकी संख्या कम कर दी गई है।

पड़ोसी जिले ठाणे में एक पहाड़ी पर भूस्खलन के कारण चार मकानों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। नगर निकाय अधिकारियों ने बताया कि 54 लोगों को उनके घरों में पानी भर जाने के बाद बचाया गया।

ठाणे जिला प्रशासन ने एक विज्ञप्ति में बताया कि विभिन्न इलाकों में कम से कम 275 घरों को नुकसान पहुंचा है और करीब 20 वाहन बह गए।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमों को मुंबई के कुर्ला और घाटकोपर क्षेत्रों तथा महाराष्ट्र के अन्य भागों में तैनात किया गया है।

गोवा में लगातार तीसरे दिन भी मूसलाधार बारिश हुई, जिससे तटीय राज्य के कई निचले इलाके जलमग्न हो गए।

इस बीच, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बाढ़ से जूझ रहे असम का दौरा किया और कहा कि वह राज्य के लोगों के साथ खड़े हैं और “संसद में उनके सिपाही” हैं।

उन्होंने केन्द्र से राज्य को तत्काल हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह किया।

राहुल ने असम में कछार जिले के फुलेरताल में एक बाढ़ राहत शिविर का दौरा करने के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं असम के लोगों के साथ हूं, मैं संसद में उनका सिपाही हूं और मैं केंद्र सरकार से राज्य को तुरंत हरसंभव मदद मुहैया कराने का अनुरोध करता हूं।’’

उन्होंने कहा कि असम कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें जमीनी स्थिति से अवगत कराया है कि 24 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, 53,000 तथा उससे अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं और 60 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है।

इस बीच, एक अधिकारी ने बताया कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में अब तक कम से कम 131 जंगली जानवरों की मौत हो चुकी है, जबकि 96 अन्य को बचा लिया गया है।

इस उद्यान को हाल के वर्षों में सबसे खराब बाढ़ का सामना कर रहा है, इससे पहले बड़े पैमाने पर तबाही 2017 में हुई थी, जब पशु गलियारों से ऊंचे इलाकों की ओर पलायन कर रहे 350 से अधिक वन्यजीव बाढ़ के पानी में और वाहनों की टक्कर में मारे गए थे।

अधिकारियों ने बताया कि पड़ोसी राज्य अरुणाचल प्रदेश में बारिश के कारण हुए भूस्खलन से कई जिलों का सड़क संपर्क बाधित हो गया।

उत्तराखंड के कई हिस्सों में सोमवार को लगातार बारिश जारी रही, जिससे कुमाऊं क्षेत्र की नदियां उफान पर हैं, सैकड़ों ग्रामीण सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और चंपावत तथा उधमसिंह नगर जिलों के कई गांवों में भारी जलभराव हो गया है।

गढ़वाल के अपर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल ने बताया कि गढ़वाल क्षेत्र में मौसम में सुधार के बाद चारधाम यात्रा सोमवार को फिर से शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश के पूर्वानुमान के मद्देनजर एक दिन के लिए यात्रा स्थगित कर दी गई थी।

देहरादून स्थित राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र ने बताया कि पिथौरागढ़ में 125.50 मिमी बारिश हुई है, जहां काली, गोरी और सरयू नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं। राज्य भर में 200 से अधिक ग्रामीण सड़कें भूस्खलन के मलबे से अवरुद्ध हो गई हैं।

उधम सिंह नगर जिले के खटीमा और सितारगंज के अलावा चंपावत जिले के पूर्णागिरि डिवीजन में भारी जलभराव के कारण पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) के कर्मियों को लगभग 200 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा।

उत्तराखंड में बांधों से पानी छोड़े जाने और नदी जलग्रहण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा के कारण तराई क्षेत्र और उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों के कई जिलों में भयंकर बाढ़ आ गई।

नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में व्यापक वर्षा और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण पीलीभीत, लखीमपुर, कुशीनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और गोण्डा जिलों के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम 32 नौकाओं की मदद से राहत कार्यों में जुटी है।

हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश के कारण भूस्खलन हुआ, जिसकी वजह से अधिकारियों को एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 70 से अधिक सड़कें बंद करनी पड़ीं।

राजस्थान के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई और दौसा जिले के बांदीकुई में पिछले 24 घंटों में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई।

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