देश की खबरें | बदरीनाथ मंदिर को आमजन हेतु खोलने की मांग को लेकर 'मौनी बाबा' आमरण अनशन पर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बारहों माह साधना में रत रहने वाले 'मौनी बाबा' के बदरीनाथ मंदिर को आमजन के दर्शन के लिए खोले जाने की मांग के समर्थन में बुधवार को आमरण अनशन पर बैठने से आंदोलन और तेज हो गया ।
गोपेश्वर, एक सितंबर बारहों माह साधना में रत रहने वाले 'मौनी बाबा' के बदरीनाथ मंदिर को आमजन के दर्शन के लिए खोले जाने की मांग के समर्थन में बुधवार को आमरण अनशन पर बैठने से आंदोलन और तेज हो गया ।
बदरीनाथ यात्रा खोले जाने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से बद्री संघर्ष समिति के नेतृत्व में स्थानीय व्यापारी, पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित व अन्य स्थानीय लोग आंदोलनरत हैं और पिछले 12 दिनों से वे क्रमिक अनशन कर विरोध प्रकट कर रहे हैं ।
कोविड-19 के कारण बंद पड़ी चार धाम यात्रा शुरू किये जाने के लिए चारों धामों— बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में महीनों से आंदोलन चल रहा है ।
बद्री संघर्ष समिति से जुड़े लोगों का कहना है कि अनशन के 12 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक संबंधित पक्ष से कोई उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा जिससे आक्रोशित कई वर्षों से मौन व्रत साधना कर रहे 'मौनी बाबा' के रूप में विख्यात धर्मराज भारती ने बुधवार से भोजन का त्याग कर आमरण अनशन शुरू कर दिया ।
आंदोलनकारी मौनी बाबा को तुलसी माला पहनाकर एक जुलूस की शक्ल में साकेत तिराहे से लेकर उनके निवास स्थान पर पहुंचे जहां बाबा अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए ।
मौनी बाबा ने कहा कि वह इससे पूर्व भी मई माह में 15 दिनों का आमरण अनशन कर चुके हैं जिसमें पहले उन्होंने भोजन और सात दिन बाद जल का भी त्याग कर दिया था ।
तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के आग्रह पर उन्होंने अनशन तोड़ा था जिन्होंने उन्हें कुछ दिनों में ही सारी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर स्थानीय स्तर पर दर्शन की अनुमति लोगों को देने का आश्वासन दिया था ।
उन्होंने कहा कि लेकिन आज दो महीने से अधिक समय होने के बाद भी लोगों को बदरीनाथ मंदिर के दर्शन से वंचित रखा गया है ।
मौनी बाबा ने कहा कि लोगों को दर्शन की अनुमति मिलने तक उनका अनशन जारी रहेगा और अगर इस अनशन के दौरान उन्हें शारीरिक तथा मानसिक रूप से कोई भी क्षति होती है तो इसके जिम्मेदार राज्य सरकार एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी होंगे ।
बद्री संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेश मेहता ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार की ओर से चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए तारीख पर तारीख बदली जा रही है लेकिन कपाट खुलने के चार माह से बाद भी अब तक सामान्य लोगों को दर्शन की सुविधा नहीं मिल पायी है ।
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