Online Gaming Survey: ऑनलाइन गेमिंग पर लोगों की सोच के बारे में जानकर आप रह जाएंगे सकते में, सर्वेक्षण में हुआ खुलासा

देश में ज्यादातर लोग ‘फैंटेसी गेम’ को ऑनलाइन गेमिंग के रूप में देखते हैं और इसे दांव लगाना, सट्टेबाजी और जुआ खेलने के समान मानते है

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits Unsplash)

Online Gaming Survey: देश में ज्यादातर लोग ‘फैंटेसी गेम’ को ऑनलाइन गेमिंग के रूप में देखते हैं और इसे दांव लगाना, सट्टेबाजी और जुआ खेलने के समान मानते है. लोकलसर्किल्स की तरफ से ऑनलाइन गेमिंग पर किए सर्वेक्षण के अनुसार, 91 प्रतिशत लोग ऑनलाइन और फैंटेसी खेलों को बढ़ावा देने वाले एसएमएस (मेसेज) पर प्रतिबंध चाहते हैं. रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने अपनी और पंजाब उच्च न्यायालय की 2017 में फैंटेसी गेम को कौशल (स्किल) खेल बताने की स्थिति को बरकार रखा है जबकि जनता की राय इससे अलग है.

सर्वेक्षण में ऑनलाइन फैंटेसी खेलों को ऑनलाइन गेमिंग के रूप में माना जाने को लेकर सवाल के जवाब में तीन में से लगभग दो लोगों ने ‘हां’ कहा, जबकि 14 प्रतिशत ने ‘नहीं’ और शेष 21 प्रतिशत ने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया. रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘9,507 उत्तरदाताओं में से 65 प्रतिशत ने कहा कि ऑनलाइन फैंटेसी खेल जुआ, सट्टेबाजी या जोखिम वाले खेल के समान है, जो सर्वोच्च न्यायालय के रुख के विपरीत है. यह भी पढ़े: Online गेम बना जानलेवा, शिकंजा कसने के लिए अब MP सरकार ला रही ये कानून

लोकलसर्किल्स ने कहा कि सर्वेक्षण में 322 जिलों में 33,000 से अधिक लोगों से राय ली गई और जबकि उत्तर देने वालों की संख्या हर प्रश्न के आधार पर अलग-अलग है. सर्वेक्षण में 11,994 लोगों में से लगभग 91 प्रतिशत चाहते हैं कि फैंटेसी गेम मंच द्वारा भेजे जाने वाले स्पैम एसएमएस को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.

रिपोर्ट के अनुसार, 12,602 उत्तरदाताओं में से लगभग 54 प्रतिशत ने कहा कि यदि राज्य सरकारें उन्हें प्रतिबंधित करने में विफल रहती हैं, तो ऑनलाइन और फैंटेसी गेमिंग में नुकसान की सीमा प्रति गेम 50 से 500 रुपये के रूप में सीमित होनी चाहिए.

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