पुणे, 29 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधते हुए 45 साल पहले महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता के युग की शुरुआत के लिए ‘‘भटकती आत्माओं’’ को दोषी ठहराया।
मोदी ने पवार का नाम नहीं लिया लेकिन यह स्पष्ट था कि उनका संदर्भ 1978 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल के खिलाफ मराठा राजनेता के विद्रोह से था।
पवार ने 40 विधायकों के समर्थन के साथ पाटिल के नेतृत्व वाली सरकार गिरा दी थी और 18 जुलाई, 1978 को 38 साल की उम्र में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
मोदी ने कहा, ‘‘45 साल पहले कुछ भटकती आत्माओं ने महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू किया था। एक बड़े नेता ने अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिए यह खेल शुरू किया।’’
मोदी ने कहा कि वह देश में धर्म आधारित आरक्षण की अनुमति नहीं देंगे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी का जिक्र करते हुए मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस के ‘शहजादे’ की लोगों की निजी संपत्ति पर बुरी नजर है और वह उनकी संपत्ति का ‘एक्स-रे’ कराना चाहते हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस विरासत कर लगाने की योजना बना रही है, जिसका मतलब है कि वे आपकी आधी संपत्ति ले लेंगे। कांग्रेस छोड़ने वाले कहते हैं कि पार्टी माओवादियों के नियंत्रण में है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 60 साल तक शासन किया लेकिन उस दौरान देश की आधी आबादी को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिलीं।
मोदी ने कहा, ‘‘मेरे प्रधानमंत्री बनने से पहले भारत मोबाइल फोन का आयातक था, लेकिन पिछले 10 वर्षों में हम इन फोन के दुनिया के दूसरे सबसे बड़े निर्यातक बन गए हैं।’’
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