नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने एवं कोरोना वायरस के संकट के निपटने के लिए संतुलित रणनीति बनाने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि देश में आर्थिक गतिविधियां जोर पकड़ने वाली हैं।उन्होंने कोरोना संकट से निपटने,आर्थिक गतिविधियों को तेज करने और लॉकडाउन को धीरे-धीरे हटाने के लिए समग्र रूपरेखा तैयार करने के मकसद से विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की।करीब छह घंटे तक चली बैठक के दौरान कोरोना वायरस के संकट और लॉकडाउन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई.
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों के सुझावों के आधार पर ही आगे का रास्ता तय होगा।आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि लॉकडाउन में रियायतों के बाद कोविड-19 का संक्रमण ग्रामीण भारत में नहीं फैले. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आगे के रास्ते एवं सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर संतुलित रणनीति बनानी होगी और लागू करनी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के कई हिस्सों में आर्थिक गतविधियां धीरे-धीरे आरंभ हो गई और आने वाले दिनों में ये गति पकड़ेंगी. यह भी पढ़े: कोरोना संकट: पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक शुरू, कोविड-19 महामारी से निपटने व लॉकडाउन के मुद्दे पर हो रही चर्चा
बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, निषिद्ध क्षेत्रों को छोड़कर राष्ट्रीय राजधानी में आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दी जानी चाहिए।पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने लॉकडाउन को आगे बढ़ाने की पैरवी करते हुए कहा कि लॉकडान से बाहर निकलने के लिए सावधानीपूर्वक रणनीति बनाई जाए और राज्यों को वित्तीय सहयोग दिया जाए।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि आपात सेवाओं के कर्मचारियों के लिए मुंबई में लोकल ट्रेन सेवाएं शुरू की जाएं।
दूसरी तरफ, तमिलनाडु में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि 31 मई तक ट्रेन सेवाओं की अनुमति ना दें।बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि आगे इस वायरस के संक्रमण को रोकने पर ध्यान दियर जाए और लोगों को ‘दो गज की दूरी’ के मंत्र का पालन करने के लिए मनाया जाए।कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पांचवीं बार मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की।मुख्यमंत्रियों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद रहे।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू समेत कई मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल हुए।गौरतलब है कि रविवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के साथ बैठक के दौरान राज्यों के मुख्य सचिवों ने उन्हें बताया था कि कोविड-19 से सुरक्षा जरूरी है, लेकिन साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी चरणबद्ध तरीके से बहाल करने की जरूरत है।प्रधानमंत्री द्वारा मुख्यमंत्रियों के साथ पिछली बार 27 अप्रैल को बातचीत किये जाने के बाद से कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है, जो 28,000 के आंकड़े से बढ़ कर करीब 67,000 पर पहुंच गई है।
बैठक के कुछ दिनों बाद केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि और दो हफ्तों के लिये 17 मई तक बढ़ा दी थी। हालांकि, आर्थिक गतिविधियों और लोगों की आवाजाही में कुछ छूट दी गई थी। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च से लागू है।लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त होने से कुछ ही दिन पहले यह बैठक हुई है। दूसरा चरण तीन मई को समाप्त हुआ था, जबकि पहला चरण 14 अप्रैल को समाप्त हुआ था।
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