चाबुआ, 20 मार्च प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस खुलेआम उन ताकतों का समर्थन कर रही है, जो असम की चाय की पहचान और चाय उद्योग को समाप्त करना चाहती हैं।
ऊपरी असम के इस शहर में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस राज्य के सबसे पुराने उद्योग के ‘‘गौरव एवं वैभव’’ के साथ खिलवाड़ कर रही है। एक दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यहां चाय बागान के श्रमिकों के साथ वार्ता की थी।
उन्होंने कहा कि हाल में एक ‘‘षड्यंत्र’’ के तहत दुनिया भर में मशहूर असम की चाय और योग को बदनाम करने के लिए एक टूलकिट का इस्तेमाल किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘असम की चाय के खिलाफ षड्यंत्र रचा गया। आप सबने टूलकिट के बारे में सुना होगा। इसमें असम के चाय बागानों को खत्म करने की बात थी। कोई भी भारतीय इसकी अनुमति नहीं देगा।’’
प्रधानमंत्री संभवत: स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के विवादास्पद टूलकिट का जिक्र कर रहे थे, जिसे थनबर्ग ने ट्वीट किया था और फिर इसे डिलीट कर दिया। इसमें लोगों को किसान आंदोलन में हिस्सा लेने का कार्यक्रम बताया गया था।
उसमें एक बात यह भी थी कि ‘‘भारत की योग और चाय की छवि को खराब किया जाए।’’
मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस ऐसी ताकतों का समर्थन कर रही है। और ऐसा करते हुए भी वे यहां आकर चाय बागान के श्रमिकों से वोट मांगने की धृष्टता कर रहे हैं। वे इतना नीचे गिर गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चायवाला से बेहतर चाय श्रमिकों की समस्याओं को कौन समझ सकता है।’’ प्रधानमंत्री मोदी अपने पुराने दिनों को याद कर रहे थे, जब गुजरात में वह एक रेलवे स्टेशन पर और ट्रेनों में चाय बेचते थे।
उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले कांग्रेस ने श्रीलंका के चाय बागानों की तस्वीरें जारी की थीं और उससे पहले ताइवान के चाय बगानों को असम के चाय बगान बताए थे।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘गलती एक बार हो सकती है, लेकिन जब बार-बार होती है तो यह मानसिकता को दर्शाती है। यह असम की खूबसूरत धरती से अन्याय है और उसका अपमान करना है।’’
उन्होंने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘जो लोग असम की ‘अस्मिता’ की बात करते हैं, उनके चेहरे बेनकाब हो गए हैं।’’
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