देश की खबरें | मिशन ओलंपिक 2036: भारत ने मेजबानी के लिए आईओसी को ‘आशय पत्र’ सौंपा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारत ने 2036 में होने वाले ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी करने की दिशा में पहला बड़ा कदम उठाते हुए देश की इच्छा व्यक्त करने से संबंधित आशय पत्र अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) को सौंप दिया है।  

नयी दिल्ली, पांच नवंबर भारत ने 2036 में होने वाले ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी करने की दिशा में पहला बड़ा कदम उठाते हुए देश की इच्छा व्यक्त करने से संबंधित आशय पत्र अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) को सौंप दिया है।  

 खेल मंत्रालय के एक सूत्र के अनुसार भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने यह पत्र एक अक्टूबर को आईओसी को सौंपा था। इसके बाद आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने एक वीडियो बयान जारी कर इसकी आधिकारिक पुष्टि की

उषा ने कहा, ‘‘ आईओए आईओसी के साथ लगातार संपर्क में है और मुझे आशा है कि हमें एक उदार मेजबान के रूप में देखा जाएगा।’’

उषा के बयान से पहले खेल मंत्रालय के सूत्र ने कहा था, ‘‘यह महत्वपूर्ण अवसर पूरे देश में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति और युवा सशक्तिकरण को बढ़ावा देकर पर्याप्त लाभ दिला सकता है।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल सबसे पहले 2036 ओलंपिक की मेजबानी की अपनी सरकार की इच्छा के बारे में बात की थी।

 आईओसी के अगले साल होने वाले चुनावों से पहले मेजबान पर निर्णय नहीं लिया जाएगा। भारत को मेजबानी की दौड़ में सऊदी अरब, कतर और तुर्की जैसे कई अन्य देशों की कड़ी चुनौती का सामना भी करना पड़ेगा जो खुद को इस खेल महाकुंभ की मेजबानी के लिए मजबूत दावेदार के रूप में पेश कर रहे हैं।

आशय पत्र सौंपने का मतलब है कि देश ओलंपिक का मेजबान चुनने की प्रक्रिया में अनौपचारिक संवाद से निरंतर संवाद के चरण में पहुंच गया है। इस चरण में आईओसी संभावित मेजबान की खेलों से जुड़ी परियोजनाओं की प्रगति का व्यवहारिक अध्ययन करता है।

आईओसी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर कहा,‘‘व्यवहारिक मूल्यांकन में कई चीजों पर ध्यान दिया जाता है  जिनमें मानवाधिकार, सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए व्यवसाय (बीएसआर) और अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) से जुड़े तथ्य शामिल हैं।’’

प्रक्रिया का अगला चरण लक्षित संवाद होगा, जिसके लिए औपचारिक बोली जमा करने की आवश्यकता होगी। इसका मूल्यांकन भविष्य का मेजबान आयोग करेगा। यह प्रक्रिया आखिर में मेजबान देश के चुनाव के साथ समाप्त होगी।

भारत की मेजबानी के दावे को आईओसी के वर्तमान प्रमुख थॉमस बाक का समर्थन भी हासिल है। भारत ने इससे पहले 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की थी। इन खेलों का आयोजन नयी दिल्ली में किया गया था लेकिन ओलंपिक 2036 के लिए अहमदाबाद को मेजबान शहर बनने के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है।

आईओए अध्यक्ष पीटी उषा सहित भारत के शीर्ष खेल प्रशासक देश की पैरवी करने के लिए इस साल पेरिस ओलंपिक में थे। यह भी पता चला है कि यदि भारत को मेजबानी मिलती है तो वह योग, खो-खो और कबड्डी जैसे स्वदेशी खेलों को शामिल करने पर जोर देगा।

भारतीय खेल प्राधिकरण के मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) ने नए खेल मंत्री मनसुख मांडविया को ओलंपिक मेजबानी हासिल करने के लिए आवश्यक उपायों पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी पेश की है।

इस रिपोर्ट में एमओसी ने छह खेलों की पहचान की है जिन्हें भारत को मेजबानी मिलने पर ओलंपिक में शामिल किया जाएगा। इन खेलों में योग, खो खो, कबड्डी, शतरंज, टी20 क्रिकेट और स्क्वाश शामिल हैं।

उषा ने स्वीकार किया कि आगे की राह काफी चुनौतीपूर्ण होगी। उषा का आईओए के कार्यकारी परिषद के सदस्यों के साथ विवाद चल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘आईओए में कुछ आंतरिक चुनौतियों के बावजूद 2036 ग्रीष्मकालीन खेलों की मेजबानी के लिए हमारी प्रतिबद्धता दृढ़ है।’’

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