नयी दिल्ली, तीन दिसंबर भारत में कैंसर के बारे में ऑनलाइन गलत जानकारी व्यापक रूप से प्रचलित है और इसके लोगों को गुमराह करने और नुकसान पहुंचाने की संभावना है। ऐसे में विज्ञान और चिकित्सा पेशेवरों पर भरोसा करना महत्वपूर्ण है। एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
नयी दिल्ली में एक होटल में आयोजित भारत स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन के दौरान यह रिपोर्ट जारी की गई।
इस रिपोर्ट में अक्टूबर 2023 और नवंबर 2024 के बीच पोस्ट की गई स्वास्थ्य संबंधी सोशल मीडिया सामग्री का विश्लेषण किया और गलत सूचना से ग्रस्त चार प्रमुख क्षेत्रों कैंसर, प्रजनन स्वास्थ्य, टीके के अलावा मधुमेह एवं मोटापे सहित जीवन शैली संबंधी बीमारियों को चिह्नित किया गया।
'स्पॉटलाइट' के विशेषज्ञों और 'फर्स्ट चेक' के चिकित्सकों ने यह विश्लेषण किया।
इस रिपोर्ट में स्वास्थ्य संबंधी गलत सूचनाओं की प्रमुख प्रवृत्तियों पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें परंपरागत चिकित्सा के प्रति बढ़ती अनिच्छा भी शामिल है। विशेषज्ञों ने कहा कि यह प्रवृत्ति लोगों को आसानी से सुलभ और किफायती प्राकृतिक उपचारों की ओर अग्रसर करती है, जो अक्सर साक्ष्य-आधारित उपचारों की कीमत पर होता है।
इस रिपोर्ट का उद्देश्य भारत में प्रसारित खतरनाक स्वास्थ्य संबंधी गलत सूचनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
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