नयी दिल्ली, एक फरवरी अगले वित्त वर्ष के लिए पर्यटन मंत्रालय का बजटीय आवंटन 2,500 करोड़ रुपये से घटा कर 2026.77 करोड़ रुपये कर दिया गया है। कोरोना वायरस महामारी के कारण भारी नुकसान का सामना कर रहे उद्योग ने इस पर निराशा जतायी है।
इससे पहले मंत्रालय के लिए संशोधित अनुमान 1,260 करोड़ रुपये था।
बजट में पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1088.03 करोड़ रुपये के प्रावधान किए गए हैं।
कोरोना वायरस संकट के कारण न केवल विदेशी पर्यटकों का आगमन प्रभावित हुआ बल्कि देश के घरेलू पर्यटकों की संख्या में भी खासी कमी दर्ज की गयी। ऐसे में बजट में पर्यटकों को आकर्षित करने की खातिर प्रचार पर जोर दिया गया है।
प्रचार के लिए आवंटित 668.72 करोड़ रुपये में से 524.02 करोड़ रुपये विदेशी बाजारों के लिए और 144.70 करोड़ रुपये घरेलू पर्यटकों के लिए रखे गए हैं।
कोरोना वायरस संकट से पर्यटन क्षेत्र के व्यापक रूप से प्रभावित होने के बीच केंद्रीय बजट में सेवा प्रदाताओं के लिए क्षमता निर्माण की खातिर 63.65 करोड़ रुपये और प्रशिक्षण तथा कौशल विकास के लिए 138.65 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
भारत के पर्यटन, यात्रा और आतिथ्य उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी राष्ट्रीय संघों के नीति महासंघ एफएआईटीएच ने कहा कि "बजट में तत्काल प्रत्यक्ष समर्थन की कमी ने भारतीय यात्रा और पर्यटन उद्योग को निराश किया है।’’
एफएआईटीएच के अध्यक्ष नकुल आनंद ने एक बयान में कहा कि बजटीय घोषणा में पर्यटन उद्योग से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गौर नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण पर्यटन, यात्रा और आतिथ्य उद्योग सदी के सबसे गंभीर संकट से जूझ रहा है।
उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों के लिए कम से कम 2,500 करोड़ रुपये के कोष की आवश्यकता थी।
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