देश की खबरें | कर्नाटक में मंत्री ने घर पर कोविड-19 का टीका लगवाया, छिड़ा विवाद

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कर्नाटक के कृषि मंत्री बी सी पाटिल कोविड-19 टीकारकण के लिए निर्धारित अस्पताल जाने के बजाय मंगलवार को घर पर ही टीका लगवा कर विवादों में घिर गए। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर और अन्य ने इसे लेकर उनकी आलोचना की।

बेंगलुरु, दो मार्च कर्नाटक के कृषि मंत्री बी सी पाटिल कोविड-19 टीकारकण के लिए निर्धारित अस्पताल जाने के बजाय मंगलवार को घर पर ही टीका लगवा कर विवादों में घिर गए। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर और अन्य ने इसे लेकर उनकी आलोचना की।

पाटिल (64) और उनकी पत्नी ने हावेरी जिले में अपने हीरेकेरूर स्थित आवास में टीका लगवाया।

कोविड-19 टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण सोमवार से शुरू होने के एक दिन बाद उन्होंने टीका लगवाया। दूसरे चरण में 60 साल से अधिक आयु के लोगों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा है।

पाटिल ने ट्वीट किया, ‘‘अपने हीरेकेरूर आवास में आज अपनी पत्नी के साथ सरकारी डॉक्टरों से कोविड-19 का टीका लगवाया। हालांकि, ‘मेड इन इंडिया’ टीकों की कई देशों ने काफी सराहना की है, लेकिन कुछ निहित स्वार्थ वाले समूह टीकों के बारे में झूठी सूचना फैला रहे हैं। ’’

सोशल मीडिया पर कई लोगों ने घर पर टीका लगवाने के उनके फैसले पर सवाल उठाया।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रोटोकॉल के मुताबिक यह टीका अस्पताल जा कर लगवाना है।

मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा से जब संवाददाताओं ने इस बारे में सवाल किया, उन्होंने कहा, ‘‘टीका किस स्थान पर लगवाया गया, उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण उसे लगवाना है।’’

वहीं, पाटिल ने खुद का बचाव करते हुए कहा कहा कि उन्होंने (घर पर टीका लगवा कर) कोई अपराध नहीं किया है और लोगों के लिए समस्या पैदा नहीं करना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘‘यदि वह अस्पताल जाते तो वहां अपनी बारी का इंतजार कर रहे लोगों को दिक्कत होती। ’’

मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘क्या मैंने कोई चोरी की है या डाका डाला है? मैंने तो सिर्फ घर पर टीका लगवाया है, जो अपराध नहीं है। ’’

उन्होंने कहा कि यह अच्छा है कि उनके टीकाकरण पर लोगों के बीच चर्चा हो रही है, इससे अन्य लोगों को भी टीका लगवाने की प्रेरणा मिलेगी।

हालांकि, सुधाकर ने पाटिल के इस आचरण पर असंतोष प्रकट किया और कहा कि मेडिकल टीम को उन्हें अस्पताल पहुंचने के लिए राजी करना चाहिए था।

उन्होंने कहा, ‘‘जब तक पूर्व अनुमति नहीं हो, किसी (चिकित्सक) को घर पर जा कर टीका लगाने की अनुमति नहीं है। टीका लगाने के लिए घर पर जाना गलत है।’’

मंत्री ने कहा कि वह घर पर टीका नहीं लगाने के लिए चिकित्सकों को एक परिपत्र जारी करेंगे।

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