नयी दिल्ली, 26 दिसंबर कांग्रेस नेतृत्व ने मंगलवार को अपनी बिहार इकाई के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर सामंजस्य बैठाने पर जोर देने के साथ ही एक कार्य योजना के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया गया।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेता 29 दिसंबर को पार्टी की राष्ट्रीय गठबंधन समिति की बैठक में अपनी बात रखेंगे और उसके आधार पर यह समिति राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल (यूनाइटेड) के साथ सीट बंटवारे को लेकर बातचीत करेगी।
कांग्रेस मुख्यालय में हुई इस बैठक में बिहार में संगठन की स्थिति, चुनाव की तैयारियों और सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हुई।
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, बिहार प्रभारी मोहन प्रकाश, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और कई अन्य नेता मौजूद थे।
बैठक के बाद खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘लोकसभा चुनाव संबंधी तैयारियों को लेकर कांग्रेस की बिहार इकाई के नेताओं से चर्चा हुई। बिहार में महागठबंधन सरकार मज़बूती से बिहार के लोगों की आशा के अनुरूप काम कर रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्ध हैं। बिहार की तरक़्क़ी, ख़ुशहाली और अमन-चैन के लिए कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता पूरी मेहनत से जन-जन तक जाने और बिहार के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप खरा उतरने को तत्पर है।’’
बैठक के बाद अखिलेश प्रसाद सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहले से स्पष्ट है कि कांग्रेस बिहार में गठबंधन में चुनाव लड़ेगी। एक कार्य योजना बनायी गई है, उसे विस्तृत रूप देकर आगे बढ़ेंगे।’’
उन्होंने बताया कि 29 दिसंबर को गठबंधन समिति की बैठक में सीटों को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से अपनी बात रखी जाएगी।
सिंह ने कहा, ‘‘खरगे और राहुल गांधी ने विस्तार से बात सुनी। उन्होंने कुछ बातें बताई, हम इस पर रूपरेखा तैयार करके आगे बढ़ेंगे।’’
यह पूछे जाने पर कांग्रेस कितनी सीट पर चुनाव लड़ेगी, तो उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार हम राष्ट्रीय जनता दल और वाम दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़े थे। इस बार जनता दल (यू) भी है। एक दो सीट आगे-पीछे होने में कोई तकलीफ नहीं है। हम सामंजस्य बनाकर लड़ेंगे और भाजपा को हराएंगे।’’
उन्होंने कहा कि जब गठबंधन होता है, तो रुख में लचीलापन दिखाना होता है।
सिंह ने कहा, ‘‘हम गठबंधन समिति के समक्ष अपनी बात रखेंगे और वह दूसरे दलों के साथ बातचीत करेगी।’’
कांग्रेस ने गत 19 दिसंबर को पांच सदस्यीय राष्ट्रीय गठबंधन समिति का गठन किया था। यह समिति सीट बंटवारे को लेकर सहयोगी दलों के साथ बातचीत करेगी। इस समिति में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, सलमान खुर्शीद और मोहन प्रकाश शामिल हैं।
कांग्रेस 2019 के विधानसभा चुनाव में बिहार की नौ लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ी थी और उसे सिर्फ किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में सफलता मिली थी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की महागठबंधन की सरकार में कांग्रेस साझेदार है। महागठबंधन के सभी घटक राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड), कांग्रेस और वाम दल राष्ट्रीय स्तर पर बने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा हैं।
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