देश की खबरें | महिला डॉक्टरों से दुर्व्यवहार के आरोपी राजीव गांधी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को अदालत से राहत नहीं

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने महिला डॉक्टरों और नर्सों के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र टिप्पणयां करने की वजह से राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (आरजीएसएसएच) के चिकित्सा अधीक्षक को जबरन छुट्टी पर भेजने के आदेश पर बृहस्पतिवार को रोक लगाने से इनकार कर दिया।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने महिला डॉक्टरों और नर्सों के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र टिप्पणयां करने की वजह से राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (आरजीएसएसएच) के चिकित्सा अधीक्षक को जबरन छुट्टी पर भेजने के आदेश पर बृहस्पतिवार को रोक लगाने से इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने दिल्ली सरकार और छुट्टी पर भेजने का आदेश जारी करने वाले अस्पताल एवं उसके निदेशक को नोटिस जारी कर, चिकित्सा अधीक्षक की याचिका पर अपनी राय अगली सुनवाई यानी सात जनवरी तक बताने को कहा है।

चिकित्सा अधीक्षक ने अपनी याचिका में कहा है कि 23 दिसंबर को उन्हें चिकित्सकीय एवं प्रशासनिक जिम्मेदारियों से मुक्त करने और तत्काल प्रभाव से छुट्टी पर भेजने के लिए जारी किया गया आदेश ‘गैर कानूनी’ है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया।

डॉक्टर का पक्ष रख रही अधिवक्ता अरुन्धति काटजू ने दावा किया कि आदेश में अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की कई शिकायतें आने का जिक्र किया गया है लेकिन उनकी विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है।

अस्पताल की ओर से पेश अधिवक्ता संजय घोष ने कहा कि डॉक्टर द्वारा कथित ‘अपमानजनक टिप्पणी’ का ऑडियो टेप है जिसे अदालत के रिकॉर्ड में दर्ज कराया गया है और अस्पताल की महिला कर्मचारी विरोध में हड़ताल पर जाने को तैयार थीं।

उन्होंने कहा कि आरोपी डॉक्टर को स्थिति सामान्य करने के लिए जबरन छुट्टी पर भेजा गया। घोष ने बताया कि डॉक्टर आंतरिक शिकायत समिति के समक्ष भी 29 दिसंबर को पेश नहीं हुए जबकि 28 दिसंबर को उन्हें ई-मेल एवं व्हाट्सएप के जरिए इसकी सूचना दी गई थी।

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