देश की खबरें | सरकारी चिकित्सकों के एक दिवसीय हड़ताल से पंजाब में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित

चंडीगढ़, 28 जून पंजाब में सरकारी चिकित्सकों के एक दिवसीय हड़ताल पर जाने के कारण सोमवार को राज्य में चिकित्सा सेवाएं बाधित हुईं। चिकित्सकों ने मूल वेतन से गैर प्रैक्टिस भत्ते (एनपीए) को अलग करने के छठे वेतन आयोग की सिफारिश के विरोध में हड़ताल किया।

सरकारी चिकित्सकों ने एक हफ्ते के अंदर दूसरी बार हड़ताल का आयोजन किया है। इससे पहले वे 25 जून को हड़ताल पर गए थे।

सरकारी अस्पतालों में बाह्य रोगी सेवाएं (ओपीडी) तथा कुछ सर्जरी एवं ऑनलाइन परामर्श जैसी सेवाएं बाधित रहीं।

बहरहाल, आपातकालीन सेवाएं एवं कोविड-19 से जुड़ी सेवाएं जारी रहीं।

पंजाब सिविल मेडिकल सेवा संगठन के राज्य अध्यक्ष डॉ. गगनदीप सिंह ने कहा कि चिकित्सकों ने पंजाब के छठे वेतन आयोग की सिफारिशों का विरोध किया जिसमें एनपीए को मूल वेतन से अलग करने की अनुशंसा की गई है।

चिकित्सक वेतन आयोग से भी नाखुश हैं जिसने एनपीए को 25 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी करने की अनुशंसा की है।

सिंह ने बताया कि हड़ताल का समर्थन पंजाब राज्य पशु चिकित्सा अधिकारी संगठन, ग्रामीण चिकित्सा अधिकारी संगठन, पंजाब दंत चिकित्सा अधिकारी संगठन एवं पंजाब आयुर्वेद अधिकारी संगठन ने भी किया।

प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने कहा कि छठे वेतन आयोग की अनुशंसा उन्हें स्वीकार नहीं है। प्रदर्शनकारियों ने पंजाब में विभिन्न स्थानों पर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।

पंजाब सरकार ने घोषणा की थी कि वह छठे वेतन आयोग की अधिकतर अनुशंसाओं को एक जनवरी 2016 से लागू करेगी, जिसका लाभ पांच लाख से अधिक सेवारत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को होगा।

बहरहाल, सरकारी कर्मचारियों के कई संगठन अनुशंसाओं का विरोध कर रहे हैं। वे बढ़े हुए वेतन की गणना के फॉर्मूले पर आपत्ति जता रहे हैं।

राज्य सरकार के कर्मचारियों ने पिछले हफ्ते कलम बंद हड़ताल की थी।

पंजाब सरकार ने राज्य के कर्मचारियों की शिकायतों पर गौर करने के लिए मंत्रियों की निगरानी समिति का गठन किया है।

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