मुंबई, 20 सितंबर बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह, अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा के गिरफ्तार होने के बाद उनके नाबालिग बच्चों पर मीडिया में प्रकाशित हो रही सामग्री पर चिंतित है। कुंद्रा को अश्लील फिल्मों के निर्माण और ऐप के जरिये उनके वितरण के संबंध में जुलाई में गिरफ्तार किया गया था।
न्यायमूर्ति गौतम पटेल की एकल पीठ ने अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह चिंता व्यक्त की। शिल्पा ने अपने और परिवार के खिलाफ प्रकाशित हो रहे मानहानिकारक लेखों और वीडियो के प्रसारण के विरुद्ध यह याचिका दायर की है।
याचिका में अनुरोध किया गया है कि मीडिया को “गलत, झूठी, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक” सामग्री प्रकाशित करने से रोका जाए। अदालत ने जुलाई में कहा था कि शेट्टी के खिलाफ मीडिया में प्रकाशित हो रही खबरों पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। हालांकि, उच्च न्यायालय ने यूट्यूब पर डाले गए तीन वीडियो को हटाने का निर्देश जारी किया था।
सोमवार को शेट्टी के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने अदालत को बताया था कि वह मीडिया संस्थानों और ब्लॉग इत्यादि चलाने वाले व्यक्तियों से बातचीत कर रहे हैं और उनमें से ज्यादातर ने आपत्तिजनक पोस्टें हटाने पर सहमति जताई है।
न्यायमूर्ति पटेल ने कहा, “पारंपरिक मीडिया संस्थान इसका महत्व समझेंगे। हम निजी ब्लॉगरों और व्लॉगरों के लिए यह नहीं कह सकते।”
अदालत ने यह भी पूछा कि वादी को याचिका की सुनवाई के लिए इतनी जल्दी क्यों है। न्यायमूर्ति पटेल ने कहा, “आपको (शेट्टी) स्थायी तौर पर (मीडिया में प्रकाशित खबरों के लिए) रोक नहीं मिल सकती, तब आपको इतनी जल्दी क्यों है? राज कुंद्रा का मामला कुछ और समय तक चलने वाला है।”
उन्होंने कहा, “मुझे शिल्पा शेट्टी की चिंता नहीं है। वह खुद को संभाल सकती हैं। मैं उनके नाबालिग बच्चों के प्रति ज्यादा चिंतित हूं। शेट्टी के व्यक्तिगत जीवन पर मीडिया की खबरें चिंता का विषय हैं। ऐसे मामलों में बच्चों पर ध्यान देना जरूरी है।” अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए एक अक्टूबर की तारीख तय की है।
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