देश की खबरें | मायावती ने राजस्थान में राष्ट्रपति शासन की मांग की, कांग्रेस बोली- मजबूर हैं बसपा प्रमुख

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने राजस्थान में चल रही सियासी उठा-पठक के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा हमला बोला और कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र को राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करनी चाहिए।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 18 जुलाई बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने राजस्थान में चल रही सियासी उठा-पठक के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तीखा हमला बोला और कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र को राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करनी चाहिए।

इस पर पलटवार करते कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि मायावती ‘मजबूर’ हैं और अपनी ‘मजबूरियों’ के चलते वह बार-बार कांग्रेस विरोधी टिप्पणियां करती हैं।

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मायावती ने कुछ महीने पहले अपनी पार्टी के विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने का उल्लेख करते हुए गहलोत पर जम कर निशाना साधा और दावा किया राजस्थान के मुख्यमंत्री ने पहले बसपा के विधायकों को ‘दगाबाजी करके’ कांग्रेस में शामिल कराया और अब फोन टैपिंग करा कर असंवैधानिक काम किया है।

गौरतलब है कि पिछले साल राजस्थान में बसपा के सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उस समय भी मायावती ने कांग्रेस और गहलोत पर निशाना साधा था।

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मायावती ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘‘जैसा कि विदित है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन व बसपा के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टैप करा के उन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इस प्रकार, राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठापठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहां के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो।’’

मायावती की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप किसी मजबूर नेता की टिप्पणी के बारे में पूछें तो आप उसकी मजबूरी का मजाक उड़ा रहे हैं। उनकी कुछ मजबूरियां हैं इसलिए वह बार-बार इस तरह की टिप्पणियां करती हैं। उनकी मजबूरी पर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है।’’

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