खेल की खबरें | मैरीकॉम आसान जीत से ओलंपिक के प्री क्वार्टर में, मनीष बाहर

तोक्यो, 25 जुलाई छह बार की विश्व चैम्पियन एम सी मैरीकॉम (51 किग्रा) ने शुरूआती दौर में डोमेनिका गणराज्य की मिगुएलिना हर्नांडिज गार्सिया पर शानदार जीत से ओलंपिक खेलों के प्री क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया लेकिन मनीष कौशिक (63 किग्रा) का रविवार को यहां खेलों में पदार्पण निराशाजनक रहा और वह पहले दौर में हार गये।

लंदन ओलंपिक 2012 की कांस्य पदक विजेता मैरीकॉम ने अपने से 15 साल जूनियर और पैन अमेरिकी खेलों की कांस्य पदक विजेता को 4-1 से शिकस्त दी।

लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता और विश्व चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता मनीष को ब्रिटेन के ल्यूक मैककोरमैक से रोमांचक मुकाबले में 1-4 से हार का सामना करना पड़ा।

मैरीकॉम रविवार को रिंग में उतरने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज रहीं और यह मुकाबला भी शुरू से काफी रोमांचक रहा जिसमें 38 वर्षीय मणिपुरी मुक्केबाज ने कुछ शानदार तकनीक दिखायी और गार्सिया की कड़ी चुनौती को पस्त किया।

मैरीकॉम ने जीत के बाद ‘मिक्स्ड जोन’ में कहा, ‘‘महामारी के कारण पिछले दो वर्ष काफी दर्दनाक रहे हैं जब सबकुछ बंद था। हम सभी एक ही तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं और प्रत्येक खिलाड़ी को घर पर ट्रेनिंग करने पड़ी लेकिन हम मुक्केबाजों को ट्रेनिंग जोड़ीदार की जरूरत होती है। ’’

उन्होंने कोविड-19 महामारी के बीच खेलों की तैयारियों की चुनौतियों के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘मैं भाग्यशाली हूं कि मैं उपकरणों के साथ छोटा सा जिम बना सकी लेकिन अभ्यास जोड़ीदार की कमी थी जो ‘आई कांटेक्ट’ और सब चीज के लिये काफी अहम होता है। ’’

पहले राउंड में मैरीकॉम ने अपनी प्रतिद्वंद्वी को परखने का समय लिया लेकिन इसके बाद अनुभवी मुक्केबाज ने तीसरे राउंड के तीन मिनट में आक्रामकता दिखायी। गार्सिया हालांकि दूसरे राउंड में कुछ दमदार मुक्कों से कुछ अंक जुटाने में सफल रहीं।

मैरीकॉम ने अपने दमदार ‘राइट हुक’ से पूरे मुकाबले के दौरान दबदबा बनाये रखा। उन्होंने गार्सिया को खुद की ओर बढ़ने के लिये उकसाया भी ताकि उन्हें सटीक मुक्के जड़ने के लिये जगह मिल जाये।

डोमेनिका गणराज्य की मुक्केबाज ने कड़ी चुनौती पेश की लेकिन वह अंक जुटाने के लिये मुक्के सही जगह नहीं जड़ पायीं।

चार बच्चों की मां मैरीकॉम अब अगले दौर के मुकाबले में कोलंबिया की तीसरी वरीयता प्राप्त इंग्रिट वालेंसिया से भिड़ेंगी जो 2016 रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता हैं।

मैरीकॉम दो बार इस कोलंबियाई मुक्केबाज से भिड़ी हैं और दोनों में जीती हैं जिसमें 2019 विश्व चैम्पियनशिप का क्वार्टरफाइनल भी शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास अब सारे पदक हैं। ओलंपिक पदक (कांस्य) 2012 में जीता, राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण, छह बार का स्वर्ण विश्व चैम्पियशिप में। इन्हें गिनना आसान है लेकिन मुश्किल चीज लगातार जीतते रहना है, यह आसान नहीं है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ ओलंपिक स्वर्ण पदक रह गया है। यही मुझे आगे बढ़ने के लिये प्रेरित कर रहा है। मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश कर रही हूं, अगर मैं कर पायी तो यह शानदार होगा। लेकिन अगर नहीं हो पाया तो भी मैं अपने सभी पदकों से खुश रहूंगी। ’’

मनीष ने मैककारमैक के खिलाफ अच्छी शुरूआत की लेकिन अंतिम तीन मिनट में मुकाबला गंवा बैठे जबकि ब्रिटेन के मुक्केबाज ने आक्रामक होने के बजाय जवाबी हमले करने का फैसला किया।

शुरूआती राउंड में मनीष ने मैककोरमाक के हमलों का बराबरी से जवाब दिया। दूसरे राउंड में भारतीय मुक्केबाज ने विपक्षी से ज्यादा अंक बनाये। इससे तीसरे राउंड से पहले दोनों मुक्केबाज बराबरी पर थे।

लेकिन अंतिम तीन मिनट में ब्रिटेन के मुक्केबाज की मनीष को करीब लाकर सही जगह पर मुक्के जड़ने की रणनीति कारगर रही जिसके बाद सभी पांचों जजों ने मैककोरमाक के पक्ष में फैसला दिया।

ल्यूक पूर्व यूरोपीय और राष्ट्रमंडल खेलों के चैम्पियन और वेल्टरवेट (69 किग्रा) वर्ग के विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदकधारी पैट मैककोरमैक के जुड़वां भाई हैं। पैट भी तोक्यो में हिस्सा ले रहे हैं और उन्हें बाई मिली है।

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