जालना, दो नवंबर मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बृहस्पतिवार को नौ दिन से जारी अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त कर दिया।
राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल में शामिल मंत्रियों की उपस्थिति में जरांगे ने जूस पीकर अपना अनशन समाप्त किया और साथ ही यह चेतावनी भी दी कि यदि दो महीने के भीतर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वह मुंबई तक एक विशाल मार्च का नेतृत्व करेंगे।
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जरांगे ने 25 अक्टूबर को अपना अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया था। उन्होंने बुधवार को दोहराया था कि यदि मराठा समुदाय को आरक्षण देने की उनकी मांग महाराष्ट्र सरकार ने पूरी नहीं की तो वह शाम से पानी पीना भी बंद कर देंगे।
जालना जिले में स्थित अपने गांव में जरांगे ने बृहस्पतिवार को अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त करने का ऐलान किया। इससे पहले राज्य के चार मंत्रियों ने उनसे मुलाकात की और उनसे अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया।
उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों संदीप शिंदे, न्यायमूर्ति एम जी गायकवाड़ और कुछ अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी जरांगे से मुलाकात की। जरांगे ने पूरे महाराष्ट्र में मराठों के लिए आरक्षण की अपनी मांग दोहरायी।
उन्होंने ‘‘फुलप्रूफ आरक्षण’’ की मांग की और राज्य सरकार से उन्हें इसका आश्वासन देने को कहा।
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