देश की खबरें | प्रधानमंत्री के कर्नाटक दौरे से पहले सिद्धरमैया ने उठाए कई मुद्दे

बेंगलुरु, 20 जून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर्नाटक के दो दिवसीय दौरे से पहले राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने मेकेदातु परियोजना को मंजूरी देने में देरी और हिंदी को कथित रूप से ‘‘थोपने’’ जैसे कई मुद्दों पर मोदी से सवाल किए।

मोदी ऐसे समय में राज्य के दौरे पर आ रहे हैं, जब अगले वर्ष विधानसभा चुनाव के कारण राज्य में राजनीतिक माहौल गर्माने लगा है। इस चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस दोनों ने 255 सदस्यीय विधानसभा में 150 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य रखा है।

सिद्धरमैया ने ट्वीट कर सवाल किया, ‘‘कर्नाटक के लोग मेकेदातु परियोजना के कार्यान्वयन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। केंद्र सरकार परियोजना को मंजूरी देने की अनिच्छुक क्यों है?’’

उन्होंने सवाल किया कि क्या कर्नाटक के प्रति तमिलनाडु का ‘‘दबाव या पूर्वाग्रह’’ इसके कारण तो नहीं हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी ने किसानों से ‘‘माफी मांगी’’ और किसान विरोधी कानूनों को निरस्त कर दिया, ‘‘लेकिन आपकी राज्य सरकारों ने अभी तक उन्हें निरस्त नहीं किया है। क्या यह सिर्फ आंखों में धूल झोंकना था या मोदी अपने राज्य के समकक्षों को भी इसे निरस्त करने के लिए कहेंगे?’’

उन्होंने आरोप लगाया कि बेंगलुरु उपनगरीय रेल परियोजना में ‘‘नीतिगत रूप से केंद्र सरकार के पंगु होने के कारण देरी’’ हुई। कांग्रेस नेता ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री इस ‘‘देरी’’ का कारण बताएंगे?

सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार को बेंगलुरु उपनगरीय रेल परियोजना को लागू करने की लागत का 20 प्रतिशत प्रदान करना होगा। क्या मोदी सरकार ने परियोजना की लागत का 20 प्रतिशत जारी किया है या यह विधानसभा चुनाव से पहले सिर्फ दिखावे के लिए है?’’

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यों को हिंदी को संचार की के रूप में इस्तेमाल करने के लिए कहकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी को ‘‘जबरदस्ती थोपने’’ की कोशिश की। उन्होंने कन्नड़ पहचान पर मोदी का रुख जानना चाहा।

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