दुबई , 15 जुलाई लॉकडाउन के कारण भारत में फंसे 12 साल से कम उम्र के बच्चे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रह रहे अपने माता-पिता के पास नहीं आ पा रहे हैं क्योंकि कई एयरलाइनें उन्हें अकेले ले जाने से मना कर रही हैं। मीडिया में आई एक खबर में यह कहा गया है।
यूएई लौटने के इच्छुक भारतीयों को 12 जुलाई से 15 दिन का समय दिया गया है, बशर्ते कि उनके पास यहां निवास संबंधी वैध अनुमति हो। उन्हें कोविड-19 की नेगेटिव जांच रिपोर्ट भी दिखानी होगी।
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खलीज टाइम्स की खबर के मुताबिक, लेकिन बच्चों के माता-पिता का कहना है कि वे असहाय महसूस कर रहे हैं क्योंकि उनके बच्चे वापसी के लिये परमिट होने के बावजूद यात्रा के इस अवसर का लाभ उठा पाने में अक्षम हैं।
दुबई में रहने वाली पूनम सप्रे ने अखबार से कहा, ‘‘मेरी बेटी तीन माह से भी अधिक समय से भारत में फंसी है। हमारे पास उसके लिये ‘निवास महानिदेशालय एवं विदेश मामले’ (जीडीआरएफए) की मंजूरी है लेकिन एयरलाइनें उसकी टिकट बुक नहीं होने दे रही हैं, उनका कहना है कि वह 12 साल से कम उम्र की है। ’’
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उन्होंने कहा, ‘‘उनकी बेटी इवा सप्रे 10 साल की है और हैदराबाद में है। वह अपने माता-पिता से मिलने का इंतजार कर रही है। ’’
एमिरेट्स और एत्तिहाद को छोड़ कर फ्लाई दुबई और एयर अरबिया सहित कोई अन्य एयरलाइन बच्चों को लाने को तैयार नहीं है।
भारत ने यात्रा प्रतिबंध 31 जुलाई तक बढ़ा दिया है, ऐसे में सामान्य उड़ानें बहाल होना अभी बाकी है और एक द्विपक्षीय समझौते के मुताबिक भारत एवं यूएई के बीच सिर्फ सामान्य उड़ानों की अनुमति है।
संपर्क किये जाने पर एयरलाइनों ने कहा कि कोविड-19 यात्रा प्रतिबंध लगने से पहले से ही अकेले बच्चे की यात्रा को लेकर इस तरह के नियम हैं।
दुबई में रह रही एक अन्य महिला ने कहा कि उनका आठ साल का बेटा केरल में है और बच्चों के अकेले यात्रा करने पर एयरलाइन की नीतियों को लेकर वह यहां आ पाने में अक्षम है।
फिलहाल मुंबई में रह रही एक महिला ने कहा कि उन्हें 10 साल की अपनी जुड़वा बेटियों को वापस लाने के लिये सोमवार को दुबई जाना पड़ा।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास कोई विकल्प नहीं था। ’’
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