तिरुवनंतपुरम, 27 दिसंबर दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ अपने संबंधों को याद करते हुए पूर्व केंद्रीय कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि सिंह एक शक्तिशाली प्रशासक थे, जिन्होंने मजबूत निर्णय लिए।
चंद्रशेखर ने एक टीवी चैनल से कहा, "1991 में उदारीकरण नीति लागू करने के उनके फैसले ने इतिहास बदल दिया।"
उन्होंने कहा, "मैंने कई मंत्रियों के साथ काम किया है और उनमें से कई (जिनमें मनमोहन सिंह भी शामिल हैं) वास्तव में सज्जन हैं, लेकिन सिंह के लिए उनका सज्जन स्वभाव उनकी कमजोरी नहीं बल्कि अद्भुत ताकत थी।"
चंद्रशेखर ने सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए उनके साथ कैबिनेट सचिव के रूप में काम किया था।
उन्होंने कहा कि 1991 में, 2008-09 के आर्थिक संकट के दौरान, असैन्य परमाणु समझौते, सेतुसमुद्रम परियोजना और 26/11 के हमलों के दौरान हमने उनकी मजबूत निर्णय लेने की शक्ति देखी।
चंद्रशेखर ने कहा, "मैं मनमोहन सिंह को कैबिनेट सचिव के रूप में अपने कार्यकाल से भी पहले से जानता हूं।"
"मैंने उनसे पहली बार तब बातचीत की थी जब मैं केरल का वित्त सचिव था।"
चंद्रशेखर ने कहा कि उन्होंने केन्द्रीय वित्त मंत्री के रूप में उनके (मनमोहन सिंह) कार्यकाल के दौरान केरल की वित्तीय चिंताओं के बारे में सिंह से संपर्क किया था।
उन्होंने कहा, "1996 में जब राज्य गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा था, तब मैंने तत्कालीन वित्त मंत्री सी वी पद्मराजन के साथ राजभवन में उनसे मुलाकात कर सहायता मांगी थी। इसके बाद 50 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे।"
भारत के आर्थिक सुधारों के शिल्पकार सिंह का 92 वर्ष की आयु में बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया।
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