इंफाल/चुराचांदपुर, 31 दिसंबर मणिपुर के कांगपोकपी जिले में कुकी-जो समुदाय की महिलाओं की मंगलवार को सुरक्षा बलों के साथ झड़प हो गयी, जिससे जातीय संघर्ष से प्रभावित इस राज्य में फिर से तनाव बढ़ गया।
पुलिस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि यह घटना थम्नापोकपी के पास उयोकचिंग में उस समय हुई, जब भीड़ ने सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम की तैनाती को ‘बाधित’ करने की कोशिश की।
पुलिस के मुताबिक, संयुक्त बलों ने ‘न्यूनतम बल प्रयोग’ के साथ भीड़ को ‘तितर-बितर’ कर दिया और अब हालात ‘शांतिपूर्ण और नियंत्रण में’ है।
पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों को ‘इलाके पर नियंत्रण रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने’ के लिए पहाड़ी की चोटी पर तैनात किया गया था।
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि ट्विचिंग के सैबोल गांव में सुरक्षा बलों के बल प्रयोग में कई लोग घायल हो गए।
ट्विचिंग कुकी-नियंत्रित पहाड़ियों और मेइती प्रभुत्व वाली इंफाल घाटी के बीच तथाकथित ‘बफर जोन’ में स्थित है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय महिलाएं सुरक्षाकर्मियों द्वारा सामुदायिक बंकरों पर ‘जबरन कब्जे’ का विरोध करने के लिए एकत्र हुई थीं।
कुकी समुदाय के एक नेता ने आरोप लगाया कि स्थिति तब और बिगड़ गई जब सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “यह युद्ध के मैदान जैसा था। हम अपनी चिंताओं को व्यक्त करने आए थे, न कि युद्ध की रणनीति का सामना।”
आदिवासी एकता समिति ने घटना के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग-दो को अनिश्चित काल के लिए अवरुद्ध कर दिया और केंद्रीय बलों को वापस बुलाये जाने की मांग की।
यह राष्ट्रीय राजमार्ग इस क्षेत्र को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है।
समिति के प्रवक्ता ने कहा, “हमारे लोगों ने बहुत कुछ सहा है। निहत्थी महिलाओं पर अत्यधिक बल का प्रयोग अस्वीकार्य है।”
राष्ट्रीय राजमार्ग- दो को अवरुद्ध करने से इंफाल घाटी के मेइती क्षेत्रों में वस्तुओं की आपूर्ति बाधित होगी।
आदिवासी नेताओं के मंच आईटीएलएफ की महिला शाखा ने दावा किया कि सुरक्षाकर्मियों द्वारा बल प्रयोग में कई महिलाएं घायल हुईं।
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