Manipur: विभिन्न संगठनों की ‘चंदे की मांग’ को लेकर पेट्रोल पंप दुकानों के प्रतिनिधियों का तीन दिनों के बंद का फैसला

मणिपुर के घाटी जिलों में संचालित पेट्रोल पंपों ने कथित ‘‘वित्तीय संकट’’ और ‘‘विभिन्न संगठनों द्वारा चंदे की मांग’’ के कारण शुक्रवार से तीन दिनों के बंद का फैसला किया है।

(Photo Credit : X)

इंफाल, 16 फरवरी: मणिपुर के घाटी जिलों में संचालित पेट्रोल पंपों ने कथित ‘‘वित्तीय संकट’’ और ‘‘विभिन्न संगठनों द्वारा चंदे की मांग’’ के कारण शुक्रवार से तीन दिनों के बंद का फैसला किया है. पेट्रोल पंप दुकानों के प्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार को एक आपातकालीन बैठक के बाद यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि इस वक्त किसी भी अतिरिक्त दबाव का नतीजा यह होगा कि दुकानों को बंद करना होगा.

प्रतिनिधियों ने 10 फरवरी को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को सूचित किया था कि अगर वित्तीय मांग या चंदे की राशि उनकी भुगतान करने की क्षमता से अधिक हो गई तो उन्हें अपने पेट्रोल पंप बंद करने पड़ सकते हैं. मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में खुदरा दुकानों के प्रतिनिधियों ने उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला जिसमें बिक्री में गिरावट, लाभ मार्जिन में उल्लेखनीय कमी (लगभग 40-50 प्रतिशत) और ‘‘विभिन्न संगठनों से बढ़ती चंदे की मांग’’ शामिल है.

पत्र में कहा गया है, ‘‘मौजूदा संकट के कारण हमें बिक्री में गिरावट का सामना करना पड़ रहा है और हमारा लाभ मार्जिन लगभग 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक कम हो गया है.’’ पत्र में कहा गया है, ‘‘हमारे कर्मचारियों को धमकियां मिल रही हैं और उनमें से कुछ का फिरौती के लिए अपहरण कर लिया गया है.’’ पत्र के अनुसार, ‘‘अगर हम उनकी मांगों को पूरा नहीं करते हैं तो हमारी कुछ खुदरा दुकानों (पेट्रोल पंप) को बंद करने के लिए कहा जाता है.’’

प्रतिनिधियों ने बताया कि कर्मचारियों के वेतन, कंपनी का शुल्क, बीमा और आयकर जैसे खर्चों को उनकी वर्तमान आय से प्रबंधित करना मुश्किल हो गया है. उन्होंने कहा, ‘‘इन चुनौतियों के मद्देनजर प्रतिनिधियों ने वित्तीय संकट से उबरने के लिए मुख्यमंत्री से सहायता का अनुरोध किया है.’’

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