देश की खबरें | मिजोरम की तरह नहीं है मणिपुर, हम स्पष्ट सीमाओं संग भारत संघ में शामिल हुए: मुख्यमंत्री बीरेन सिंह

इंफाल, 30 नवंबर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा कि उनका राज्य मिजोरम की तरह नहीं है जो कभी असम का सिर्फ एक जिला था। उनके इस बयान से एक दिन पहले भी मणिपुर सरकार ने मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा से अनुरोध करते हुए कहा था कि वे अनुचित टिप्पणियों के माध्यम से नफरत को बढ़ावा देने के बजाय एक ‘अच्छे पड़ोसी’ के रूप में ‘बेहतर नेतृत्व’ का प्रदर्शन करें।

ऐतिहासिक ‘लंगथबल ओल्ड पैलेस’ के परिसर से असम राइफल्स को स्थानांतरित करने के लिए एक बुनियादी ढांचे के निर्माण से जुड़े कार्यक्रम में बोलते हुए सिंह ने कहा, ‘‘मणिपुर, मिजोरम की तरह नहीं है। हमारे पास 2,000 वर्षों का लिखित इतिहास है। मणिपुर का भारत संघ में 1949 में एक इकाई के रूप में विलय हो गया। हमारी सीमाएं नई नहीं बनी थीं, लेकिन हम अक्षुण्ण सीमाओं के साथ संघ में शामिल हुए।’’

मणिपुर के मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया लालदुहोमा द्वारा हाल ही में एक राष्ट्रीय दैनिक को दिए गए साक्षात्कार की पृष्ठभूमि में आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि बीरेन सिंह के शासन की तुलना में राष्ट्रपति शासन बेहतर है।

सिंह ने कहा, ‘‘असम राइफल्स यहां देश की सेवा करने के लिए है। वे हमारे दुश्मन नहीं हैं। हम सभी भारतीय नागरिक हैं। कमांडरों, सीएसओ और बुद्धिजीवियों के बीच बातचीत के माध्यम से अंतर को पाटा जा सकता है। हमारा आम दुश्मन विदेशी क्षेत्रों में स्थित है, भीतर नहीं। अर्धसैनिक बल विद्रोहियों या गैरकानूनी गतिविधियों से अपनी इच्छानुसार निपट सकते हैं, लेकिन हर कोई विद्रोही नहीं है।’’

सिंह ने कहा, ‘‘लोग पूछते हैं, मुख्यमंत्री क्या कर रहे हैं? क्या मुख्यमंत्री जाकर गोलीबारी में शामिल हो सकते हैं? मुख्यमंत्री नीतिगत योजनाएं बनाते हैं - अवैध अप्रवासियों की पहचान कैसे करें, मुक्त आवाजाही व्यवस्था को कैसे रद्द करें, और एनआरसी को कैसे लागू करें। हम तब तक आराम से नहीं बैठेंगे जब तक कि हम मणिपुर की पूरी भूमि और इसके मूलनिवासियों को स्पष्ट रूप से सुरक्षित नहीं कर लेते।’’

मुख्यमंत्री सिंह ने जोर देकर कहा कि पिछले साल तीन मई से जारी संघर्ष सरकार के भ्रष्टाचार के कारण नहीं है, बल्कि भूमि के मूल निवासियों की रक्षा और राज्य के विकृत इतिहास को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों के कारण है।

सिंह ने ‘लंगथबल ओल्ड पैलेस’ से असम राइफल्स के शिविर को स्थानांतरित करने पर सहमति व्यक्त करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम राइफल्स के अधिकारियों को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘लंगथबल पैलेस एक ऐतिहासिक जगह है। असम राइफल्स सुरक्षा कारणों से 100 साल से अधिक समय से राज्य में तैनात है। वे तुरंत स्थानांतरित नहीं हो सकते। मेजर जनरल रावरूप और डीजी इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं। उन्होंने पैलेसे से बल को स्थानांतरित करने की लोगों की मांग को बहुत गंभीरता से लिया, क्योंकि यह एक ऐतिहासिक स्थल है और विश्वविद्यालय परिसर के बहुत करीब है।’’

मणिपुर के संबंध में मिजोरम के मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए बयानों के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि राज्य सरकार, डीआईपीआर के माध्यम से, इस मामले को पहले ही स्पष्ट कर चुकी है। किसी भी राज्य के परिपक्व मुख्यमंत्री के रूप में किसी को नफरत नहीं भड़कानी चाहिए या दूसरे राज्य के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’’

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