संयुक्त राष्ट्र, 17 जनवरी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की प्रतिबंध समिति ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के उप प्रमुख अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है और कहा है कि मक्की भारत में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने, उनके लिए धन जुटाने, भर्ती अभियान और हिंसा के लिए युवाओं को भड़काने में शामिल रहा है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अलकायदा प्रतिबंध समिति ने सोमवार को 68 वर्षीय मक्की को नामित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया। इस सूची में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त करने, उन पर यात्रा और हथियार संबंधी प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है।
प्रतिबंध समिति ने मक्की का नाम इस सूची में शामिल करने का कारण बताते हुए कहा कि मक्की और अन्य लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी)/जमात-उद-दावा (जेयूडी) के गुर्गे ‘‘धन जुटाने, भर्ती करने, युवाओं को हिंसा के लिए कट्टरपंथी बनाने और भारत में विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में हमलों की साजिश रचने में शामिल रहे हैं।’’
पिछले साल जून में चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को अंतिम क्षणों में बाधित कर दिया था।
इस्लामाबाद का सदाबहार दोस्त चीन बार-बार भारत और उसके सहयोगियों द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को वैश्विक आतंकवादी सूची में डालने के प्रयासों पर रोक लगाता रहा है। लेकिन अब चीन द्वारा रोक हटाए जाने के बाद मक्की को अंतत: यूएनएससी प्रतिबंध समिति ने एक वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है।
पूर्व भारतीय राजनयिकों ने इस सूची में मक्की को शामिल किए जाने को देश की कूटनीति के लिए बड़ी सफलता बताया है।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने ‘पीटीआई’ से कहा कि मक्की का नाम सूची में शामिल किया जाना ‘‘भारतीय कूटनीति’’ के लिए एक ‘‘बड़ी सफलता’’ है।
तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘सुरक्षा परिषद में भारत के पहले आतंकवादी सूचीकरण प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी और आगे पाकिस्तान से जम्मू कश्मीर में होने वाले आतंकवादी हमलों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा। परिषद में भारत की उपस्थिति और आतंकवाद विरोधी समिति के अध्यक्ष के रूप में सीमा पार आतंकवाद सहित आतंकवाद पर ध्यान केंद्रित करने में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।’’
गौरतलब है कि जून 2022 में भारत ने यूएनएससी प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत के तौर पर तिरुमूर्ति के कार्यकाल में रखा था।
भारत 2021-22 कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य था और तिरुमूर्ति भारतीय विदेश सेवा से सेवानिवृत्त होने से पहले पिछले साल संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद विरोधी समिति के अध्यक्ष थे।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘भारतीय कूटनीति की एक और सफलता। अब्दुल रहमान मक्की संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति द्वारा नामित किया गया,… बाकी की तलाश जारी है।’’
यहां संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में अकबरुद्दीन के नेतृत्व में भारत ने मई 2019 में एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की थी, जब वैश्विक संस्था ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया था। जनवरी, 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमले के मास्टरमाइंड अजहर को प्रतिबंधित करने के लिए भारत करीब एक दशक से प्रयासरत था।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में जन्मा मक्की लश्कर का उप प्रमुख और जेयूडी/एलईटी की राजनीतिक मामलों की शाखा का प्रमुख है।
मक्की अमेरिका द्वारा नामित आतंकवादी है और जेयूडी की मरकजी (सेंट्रल) टीम और दावती (धर्मांतरण) टीम का सदस्य है।
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