महाराष्ट्र, ठाणे, 22 अगस्त : महाराष्ट्र में ठाणे जिले की एक अदालत ने 2013 में चार साल के एक बच्चे का अपहरण करने के जुर्म में एक व्यक्ति को दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत के न्यायाधीश पी एम गुप्ता ने ठाणे के दिवा इलाके के आरोपी विशाल सुरेश वलंत्रा (35) को दोषी ठहराया और उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. 31 जुलाई को पारित आदेश की प्रति मंगलवार को उपलब्ध करायी गयी. न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी के खिलाफ आरोप साबित कर दिए हैं जिसके लिए उसे दोषी ठहराये जाने और सजा सुनाए जाने की जरूरत है.
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी द्वारा किया गया अपराध गंभीर है क्योंकि यह एक बच्चे के साथ किया गया, इसलिए उसे अपराधी परिवीक्षा अधिनियम का लाभ देना उचित नहीं है.
अदालत ने कहा कि इसके अलावा, अपर्याप्त सजा देने से कानून में जनता का विश्वास कम होगा.
न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने सजा सुनाते समय अपराध की गंभीरता, परिस्थितियां, दोषी की उम्र, चरित्र और आपराधिक पृष्ठभूमि पर विचार किया है.
विशेष लोक अभियोजक वर्षा आर चंदाने ने अदालत को बताया कि आरोपी और पीड़ित दिवा में रहते थे और पड़ोसी थे. पीड़ित किंडरगार्टन में पढ़ रहा था अभियोजन पक्ष ने कहा कि 23 नवंबर 2013 को, आरोपी ने लड़के का उसके घर के पास से अपहरण कर लिया, जहां वह खेल रहा था और बच्चे को चोट भी पहुंचाई.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)