देश की खबरें | महाराष्ट्र सरकार ने उच्च न्यायालय से कहा, हम कोविड-19 पाबंदियों पर समीक्षा बैठक करेंगे

मुंबई, 23 मार्च महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि वह केंद्र के नवीनतम दिशानिर्देशों के आलोक में मौजूदा कोविड-19 संबंधी पाबंदियों की समीक्षा करने के लिए बैठक करेगी। केंद्र ने हाल में राज्यों को 31 मार्च तक कोविड-19 संबंधी सभी पाबंदियों को हटाने का निर्देश दिया है।

केंद्र सरकार ने बुधवार को पत्र जारी कर सभी राज्यों से कहा कि वे कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जारी दिशा निर्देशों को खत्म करने पर विचार कर सकते हैं।

यह पत्र कोविड-19 के लगातार कम होते मामलों के मद्देनजर जारी किया गया है। हालांकि, मास्क लगाने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम पूर्व की तरह लागू रहेंगे।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कर्णिक की पीठ के समक्ष राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एस यू कामदार ने कहा कि पत्र के मद्देनजर राज्य की कार्यकारी समिति बैठक करेगी और अगले कदम पर फैसला लेगी।

उल्लेखनीय है कि अदालत जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें महाराष्ट्र सरकार के उस निर्देश को चुनौती दी गई है जिसमें कहा गया कि मुंबई की उपनगरीय रेल सेवा (लोकल ट्रेन) और अन्य सार्वजनिक परिवहन माध्यम का इस्तेमाल करने के लिए लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की दोनों खुराक लगवानी होगी।

पीठ ने कामदार के इस तर्क का संज्ञान लिया जिसमें कहा गया कि उच्चतम न्यायालय ने इसी तरह की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है। अदालत ने इसके साथ ही इस मामले की सुनवाई पांच अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी।

यह याचिका फिरोज मिथठीबोरवाला ने अधिवक्ता नीलेश ओझा के जरिये दाखिल की है जिसमें एक मार्च 2022 को राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 मानक परिचालन प्रक्रिया के लिए जारी परिपत्र को चुनौती दी गई है।

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