देश की खबरें | महाराष्ट्र सरकार ने एक अप्रैल से सभी टोल प्लाजा पर फास्टटैग को अनिवार्य बनाने का फैसला किया

मुंबई, सात जनवरी महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मंगलवार को फैसला लिया कि एक अप्रैल से अनिवार्य रूप से फास्टैग के माध्यम से ही टोल संग्रह किया जाएगा और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए कारोबार के नियमों में बदलाव किया जाएगा।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लोक निर्माण विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई जिसके तहत एक अप्रैल से पूरे राज्य में टोल प्लाजा पर टोल संग्रह केवल फास्टैग के माध्यम से किया जाएगा।

इस बदलाव को सुगम बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी नीति 2014 में संशोधन को भी मंजूरी दी गई। फास्टैग राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए भारत का इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह चिप है।

सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि उम्मीद है कि इस कदम से टोल संग्रह में दक्षता और पारदर्शिता आएगी और टोल प्लाजा पर वाहनों की भीड़ कम होगी एवं यात्रियों के समय और ईंधन की बचत होगी।

इसमें यह भी कहा गया है कि बिना फास्टैग वाले वाहनों या बिना उचित टैग के समर्पित लेन में प्रवेश करने वाले वाहनों को दोगुना टोल शुल्क देना होगा।

विज्ञप्ति के मुताबिक वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत 13 सड़क परियोजनाओं और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम द्वारा प्रबंधित नौ परियोजनाओं पर टोल वसूला जा रहा है। यह निर्णय इन पर और राज्य में भविष्य में सभी टोल नाकों पर लागू होगा।

एक अन्य निर्णय में, मंत्रिमंडल ने प्रशासनिक कामकाज को अधिक सुचारू और कुशल बनाने के लिए संशोधित महाराष्ट्र सरकार के कार्य नियमों को मंजूरी दी।

इस तरह के पहले नियम 1975 में बनाये गये थे और यह तीसरा बड़ा संशोधन है।

विज्ञप्ति के मुताबिक राज्यपाल की मंजूरी के बाद संशोधित नियम आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित किए जाएंगे। इन बदलावों का उद्देश्य पारदर्शिता, दक्षता और जन-केंद्रित शासन को बढ़ाना है, जिससे अंततः राज्य के नागरिकों को लाभ होगा।

संशोधित नियमों में 48 विनियम, चार अनुसूचियां और एक अनुलग्नक शामिल हैं, जिन्हें नौ खंडों में विभाजित किया गया है।

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