मुंबई, 25 जनवरी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बृहस्पतिवार को दोहराया कि उनकी सरकार अन्य समुदायों को दिए जा रहे आरक्षण में छेड़छाड़ किए बिना मराठा समुदाय को कोटा देने को लेकर प्रतिबद्ध है।
सतारा जिले में स्थित अपने गृहनगर में शिंदे ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अधिकारी तेजी से सर्वेक्षण कार्य को पूरा करने में जुटे हैं ताकि साबित किया जा सके कि मराठा समुदाय सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा है।
शिंदे ने यह बयान ऐसे समय दिया है, जब मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे अपने हजारों समर्थकों के साथ मुंबई की ओर कूच कर रहे हैं। जरांगे की योजना मराठा आरक्षण की मांग को लेकर दबाव बनाने के वास्ते शुक्रवार से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन शुरू करने की है।
शिंदे ने कहा कि उन्होंने जरांगे को पहले ही बता दिया है कि उनकी सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है और वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की तरह ही उन्हें सभी लाभ दे रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार आरक्षण देगी, जो कानूनी समीक्षा में पास होगी। फिलहाल चल रहे सर्वेक्षण में कुल 1.4 लाख लोग हिस्सा ले रहे हैं। वे तीन पालियों में काम कर रहे हैं। अब तक, जरांगे से चर्चा सकारात्मक रही है।’’
शिंदे ने आश्वस्त करते हुए कहा, ‘‘सरकार अन्य समुदायों को मिल रहे आरक्षण में छेड़छाड़ किए बिना मराठा को कोटा देने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
जरांगे के साथ ऑनलाइन बैठक करने के सवाल पर शिंदे ने कहा कि जिला स्तर और मंडल आयुक्त कार्यकर्ता के संपर्क में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ कुनबी जाति प्रमाणपत्र उन मराठों को दिया जा रहा है, जिनके दस्तावेज मिले हैं।’’
जरांगे ने बुधवार को दावा किया था कि महाराष्ट्र में अब तक मराठा समुदाय के सदस्यों की पहचान कुनबी के रूप में करने वाले 54 लाख रिकॉर्ड मिले हैं। उन्होंने तत्काल उन्हें तत्काल जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की। कुनबी जाति को राज्य में ओबीसी के तहत आरक्षण का लाभ मिलता है।
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