ठाणे, एक सितंबर महाराष्ट्र के ठाणे जिले में पांच महिलाओं ने परंपराओं को तोड़ते हुए अपनी मां के शव को अपने कंधों पर श्मशान ले जाकर अंतिम संस्कार किया और अंतिम श्रद्धांजलि दी।
ठाणे के बदलापुर में पांच बहनों के शवयात्रा में शामिल होने का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया और लोग इसकी सराहना कर रहे हैं।
अरुणा अशोक पवार (52) खानाबदोश दिसादी जनजाति से थीं। उनका 25 अगस्त को निधन हो गया था।
अरुणा की बेटी एवं सामाजिक कार्यकर्ता दीपा पवार ने कहा, ‘‘मेरे पिता की मृत्यु के बाद मेरी मां ने हमें पूरा सहयोग दिया और हमारा पालन-पोषण किया। वह एक भट्टे में काम करती थीं और कटलरी बेचती थीं। उनका निःस्वार्थ कार्य अद्वितीय था। हम बहनों ने तय किया था कि श्रद्धांजलि स्वरूप हम उनका अंतिम संस्कार करेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए। ’’
दीपा के मुताबिक महिलाओं द्वारा शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने और अंतिम संस्कार करने के विचार का उनके समुदाय में कुछ लोगों ने समर्थन किया जबकि कुछ लोगों ने विरोध भी किया था, क्योंकि यह पहली बार हो रहा था।
दीपा पवार ने कहा, ‘‘ हमने एक मिसाल कायम की है और हमें खुशी है कि हमारे समुदाय और समाज ने समग्र रूप से हमारे कदम का समर्थन किया है। हमने वही किया जो हमें सही लगा। समाज बदल रहा है। ’’
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