नयी दिल्ली, 23 फरवरी दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने अगस्त 2023 से वित्त मंत्री आतिशी के पास ‘‘लंबित’’ भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की पांच रिपोर्ट के संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है।
सक्सेना ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे वित्त मंत्री को राज्य के वित्तीय लेखे-जोखे से संबंधित महत्वपूर्ण रिपोर्ट को ‘‘शीघ्रता से निपटाने’’ की सलाह दें ताकि उन्हें दिल्ली विधानसभा के जारी बजट सत्र में पेश किया जा सके।
उपराज्यपाल ने पत्र में लिखा कि सीएजी रिपोर्ट सरकार के प्रदर्शन का संवैधानिक रूप से अनिवार्य स्वतंत्र और निष्पक्ष मूल्यांकन है तथा कई मायनों में यह सरकार के वित्तीय प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए एक मार्गदर्शन दस्तावेज है।
उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा सरकार का यह दायित्व है कि वह सदन के माध्यम से अपने प्रदर्शन का वस्तुनिष्ठ विवरण लोगों के साथ साझा करे, जिससे राजस्व और खर्च का लेखा-जोखा पता चलता है। ’’
पत्र में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम, 1991 की धारा 48 और संविधान के अनुच्छेद 151 का हवाला दिया गया। इस अधिनियम में रिपोर्ट को उपराज्यपाल के माध्यम से विधानसभा के समक्ष पेश करने का प्रावधान है।
पत्र में कहा गया है कि चूंकि विधानसभा का बजट सत्र जारी है, इसलिए मुख्यमंत्री वित्त मंत्री को इन महत्वपूर्ण रिपोर्ट को शीघ्रता से निपटाने करने की सलाह दें ताकि इसे सदन के समक्ष रखा जा सके।
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