नयी इजराइल सरकार के साथ काम करने को इच्छुक, अरब-इजराइल संबंधों में सुधार का समर्थन करते है: अमेरिका
अमेरिका में जो बाइडन प्रशासन ने कहा है कि उनका देश इजराइल की नयी सरकार के साथ काम करने को उत्सुक है और अरब-इजराइल संबंधों को सामान्य बनाने का समर्थन करता है. बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और उसके धुर-दक्षिणपंथी तथा धार्मिक सहयोगियों ने पिछले साल यहूदी राष्ट्र में आम चुनावों में याइर लापिद को हराकर शानदार जीत हासिल की.
वाशिंगटन, 10 जनवरी : अमेरिका में जो बाइडन (Joe Biden) प्रशासन ने कहा है कि उनका देश इजराइल की नयी सरकार के साथ काम करने को उत्सुक है और अरब-इजराइल संबंधों को सामान्य बनाने का समर्थन करता है. बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और उसके धुर-दक्षिणपंथी तथा धार्मिक सहयोगियों ने पिछले साल यहूदी राष्ट्र में आम चुनावों में याइर लापिद को हराकर शानदार जीत हासिल की. यह नेतन्याहू का इजराइल के प्रधानमंत्री के रूप में छठा कार्यकाल है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने न्यू मैक्सिको में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम वास्तव में इजराइल सरकार के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हैं. मैं इजराइल जा रहा हूं और जब मैं जाऊंगा तो बातचीत का एक महत्वपूर्ण विषय होगा.’’ उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन के पास ईरान की ओर से उत्पन्न खतरे पर नयी इजराइली सरकार के साथ गहराई से जुड़ने का अवसर होगा. सुलिवन ने कहा, ‘‘हमारे पास शुरुआती महीनों के लिए प्रधानमंत्री नेतन्याहू थे, फिर प्रधानमंत्री (नफ्ताली) बेनेट आए और फिर प्रधानमंत्री लापिद आए. उन तीनों पुरुषों में एक बात समान थी: उनमें से कोई भी जेसीपीओए को पसंद नहीं करता था. तीनों ने दृढ़ता से ईरान नीति पर निकटता से समन्वय करने की आवश्यकता को महसूस किया और मुझे लगता है कि मौजूदा प्रधानमंत्री नेतन्याहू अपने इस कार्यकाल में कोई अपवाद नहीं होंगे.
संयुक्त कार्य योजना (जेसीपीओए) जिसे आम तौर पर ईरान परमाणु समझौते या ईरान समझौते के रूप में जाना जाता है, पर सहमति 14 जुलाई, 2015 को ईरान और यूरोपीय संघ के साथ पी5 प्लस 1 समूह के देशों के बीच बनी थी. पी5 प्लस वन समूह में संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी देश चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका तथा जर्मनी हैं.वाशिंगटन, 10 जनवरी अमेरिका में जो बाइडन प्रशासन ने कहा है कि उनका देश इजराइल की नयी सरकार के साथ काम करने को उत्सुक है और अरब-इजराइल संबंधों को सामान्य बनाने का समर्थन करता है. बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और उसके धुर-दक्षिणपंथी तथा धार्मिक सहयोगियों ने पिछले साल यहूदी राष्ट्र में आम चुनावों में याइर लापिद को हराकर शानदार जीत हासिल की. यह नेतन्याहू का इजराइल के प्रधानमंत्री के रूप में छठा कार्यकाल है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने न्यू मैक्सिको में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम वास्तव में इजराइल सरकार के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हैं. मैं इजराइल जा रहा हूं और जब मैं जाऊंगा तो बातचीत का एक महत्वपूर्ण विषय होगा.’
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उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन के पास ईरान की ओर से उत्पन्न खतरे पर नयी इजराइली सरकार के साथ गहराई से जुड़ने का अवसर होगा. सुलिवन ने कहा, ‘‘हमारे पास शुरुआती महीनों के लिए प्रधानमंत्री नेतन्याहू थे, फिर प्रधानमंत्री (नफ्ताली) बेनेट आए और फिर प्रधानमंत्री लापिद आए. उन तीनों पुरुषों में एक बात समान थी: उनमें से कोई भी जेसीपीओए को पसंद नहीं करता था. तीनों ने दृढ़ता से ईरान नीति पर निकटता से समन्वय करने की आवश्यकता को महसूस किया और मुझे लगता है कि मौजूदा प्रधानमंत्री नेतन्याहू अपने इस कार्यकाल में कोई अपवाद नहीं होंगे. संयुक्त कार्य योजना (जेसीपीओए) जिसे आम तौर पर ईरान परमाणु समझौते या ईरान समझौते के रूप में जाना जाता है, पर सहमति 14 जुलाई, 2015 को ईरान और यूरोपीय संघ के साथ पी5 प्लस 1 समूह के देशों के बीच बनी थी. पी5 प्लस वन समूह में संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी देश चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका तथा जर्मनी हैं.