पुणे, दो जुलाई पुणे प्रशासन ने जिले में खतरनाक पर्यटन स्थलों के लिए सुरक्षा उपायों की एक रूपरेखा तैयार की है, जिसमें खतरनाक क्षेत्रों की पहचान और सीमांकन, जीवन रक्षक और बचाव दल की उपस्थिति तथा चेतावनी बोर्ड लगाना शामिल है।
यह कदम रविवार को हुई घटना के बाद उठाया गया है। पुणे जिले के लोनावला हिल स्टेशन पर भुशी बांध के पास एक जल प्रपात में एक महिला और चार बच्चे बह गए थे।
इस घटना ने लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर बेहतर सुरक्षा प्रबंध की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया।
पुणे के जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवासे ने सोमवार को दिशा-निर्देश जारी किए और अधिकारियों को इन पर्यटन स्थलों पर संभावित खतरनाक स्थानों की पहचान करने के लिए सर्वेक्षण करने और आगंतुकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
दिवासे ने एक अधिसूचना में कहा, "बांध, झरने, झील, नदी, चट्टान जैसे विभिन्न पर्यटन स्थलों पर खतरनाक स्थानों की पहचान करें और चेतावनी बोर्ड लगाकर उन्हें निषिद्ध क्षेत्रों के रूप में चिह्नित करें, ताकि पर्यटक उनसे आगे न जाएं।"
उन्होंने कहा कि दुर्घटना की आशंका वाले स्थानों और जिन स्थानों पर सुरक्षा उपाय नहीं किए जा सकते हैं, उन्हें पर्यटकों के लिए बंद किया जाना चाहिए।"
राजस्व, वन, रेलवे, नगर निगम और लोक निर्माण विभाग जैसी एजेंसियों को पर्यटकों की भीड़ वाले जलाशयों पर गोताखोर, बचाव नौकाएं, जीवन रक्षक, जीवन रक्षक जैकेट का प्रबंध करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उन्हें इन स्थानों पर आपदा प्रबंधन कार्य के लिए गैर सरकारी संगठनों, बचाव संस्थाओं, ट्रेकर्स, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय लोगों को शामिल करना चाहिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्राथमिक चिकित्सा सुविधाओं के साथ एम्बुलेंस भी तैनात की जानी चाहिए।
उन्होंने अधिसूचना में कहा कि इसके अलावा, आगंतुकों को शाम छह बजे के बाद वन क्षेत्रों में स्थित पर्यटन स्थलों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि वन विभाग को वन क्षेत्रों में पर्यटक स्थलों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए तथा स्थानीय प्रशासन को पर्यटकों के लिए समय तय करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सूर्यास्त के बाद वहां न रुकें।
दिवासे ने कहा, "यदि आवश्यक हो तो नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।"
उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से सभी उपायों को लागू करने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी की जान न जाए।
उन्होंने कहा कि यदि उपायों के कार्यान्वयन में कोई लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी और विभाग प्रमुख जिम्मेदार होंगे।
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