नयी दिल्ली, 24 जुलाई संसद के मानसून सत्र में सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी लोकसभा में मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर गतिरोध बरकरार रहा। विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वक्तव्य और चर्चा की मांग करते हुए भारी हंगामा किया जिस वजह से सदन की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
संसद में विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा को तैयार है और विपक्ष से आग्रह है कि वे चर्चा होने दें और सच्चाई सामने आने दें।
सदन की कार्यवाही जब तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजकर 30 मिनट पर शुरू हुई तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गृह मंत्री शाह से सरकार का पक्ष रखने के लिए कहा।
शाह ने कहा, ‘‘सदस्यों से आग्रह है कि बहुत संवेदनशील मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष..दोनों ओर के सदस्यों ने चर्चा की मांग की है। मैं सदन में चर्चा के लिए तैयार हूं।’’
शाह ने कहा, ‘‘मुझे नहीं मालूम कि विपक्ष संसद में चर्चा क्यों नहीं होने दे रहा है।’’
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ मेरा विपक्ष के नेताओं से आग्रह है कि चर्चा होने दें और इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर पूरे देश के सामने सच्चाई आने दें।’’
उनके इस वक्तव्य के बाद भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने अपराह्न करीब दो बजकर 35 मिनट पर सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, मणिपुर हिंसा के मुद्दे को लेकर विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही सोमवार शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने को कहा, वैसे ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर के मुद्दे को उठाने लगे।
इस दौरान लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘‘ हम शुरू से ही कह रहे हैं कि मणिपुर के हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) स्वत: संज्ञान लेते हुए बयान दें।’’
इस पर लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा, ‘‘आप (चौधरी) जिस विषय को उठा रहे हैं, उस पर सारा सदन चर्चा करना चाहता है। सरकार ने भी कहा है। आप आज 12 बजे से चर्चा शुरू करें।’’
उन्होंने कहा कि इस पर कौन जवाब देगा, यह तय करना आपका (विपक्ष) काम नहीं है और संबंधित विभाग के मंत्री जवाब दे सकते हैं।
विपक्षी सदस्य हालांकि इससे संतुष्ट नहीं हुए और आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।
सदन के उपनेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘ हम पहले ही कह चुके हैं कि चर्चा करने को पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन प्रतिपक्ष इस बात को स्वीकार नहीं कर रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मणिपुर जैसी घटना पर चर्चा के लिए जिस तरह की गंभीरता होनी चाहिए, विपक्ष उतना गंभीर नहीं है।’’
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री इस विषय पर पहले ही अपनी पीड़ा व्यक्त कर चुके हैं, सदन के उपनेता राजनाथ सिंह जी कह चुके हैं कि सरकार चर्चा को तैयार है।
उन्होंने कहा कि जब सरकार तैयार है तो वे (विपक्ष) चर्चा से क्यों भाग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के अनेक सदस्यों ने चर्चा कराने का आग्रह किया है लेकिन विपक्ष चर्चा करना नहीं चाहता।
जोशी ने कहा, ‘‘ इनकी (विपक्ष) मंशा क्या है, उद्देश्य क्या है। इनकी मंशा सिर्फ कार्यवाही बाधित करने की है।’’
विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे और नारेबाजी के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल की कार्यवाही को चलाया। इस दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के प्रश्न लिये गए। कुछ सदस्यों ने पूरक प्रश्न भी पूछे और संबंधित मंत्रियों ने इनके जवाब दिये।
विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने पूछा, ‘‘ जनजातीय क्षेत्र के लोगों से जुड़ा विषय है, क्या आप जनजातीय क्षेत्र के लोगों पर चर्चा नहीं करना चाहते? ’’
उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘लोगों ने आपको नारेबाजी करने और तख्तियां दिखाने के लिए नहीं भेजा है।’’
बिरला ने कहा कि सदन चर्चा करने के लिए है, चर्चा से ही समस्याओं का समाधान निकल सकता है।
उन्होंने कहा कि वह पर्याप्त समय चर्चा के लिए देने को तैयार हैं, लेकिन सदस्य आपने स्थान पर जाएं।
शोर-शराबा थमता नहीं देख लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही करीब साढ़े 11 बजे आधे घंटे के लिए (दोपहर 12 बजे तक) स्थगित कर दी।
एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने सभापटल पर आवश्यक कागजात रखवाये। इस दौरान विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा।
सदन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेन्द्र सिंह ने ‘डीएनए प्रौद्योगिकी (प्रयोग और लागू होना) विनियमन विधेयक 2019’ वापस लेने का प्रस्ताव किया और सदन ने इसे ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने ‘राष्ट्रीय परिचर्या और प्रसूति विद्या आयोग विधेयक 2023’ और ‘राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक 2023’ पेश किये।
इसके बाद पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल से शोर-शराबा कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हंगामा और चर्चा एक साथ नहीं चल सकते। आप कृपया अपने स्थान पर जाएं।’’
हंगामा जारी रहने पर उन्होंने करीब आठ मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। अपराह्न दो बजे कार्यवाही आरंभ होने पर शोर-शराबा जारी रहा जिसके बाद अग्रवाल ने कार्यवाही आधे घंटे के लिए अपराह्न दो बजकर 30 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)