नयी दिल्ली, 25 मार्च लोकसभा के बजट सत्र की कार्यवाही बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी। इस सत्र के दौरान सभा की 24 बैठकें हुई जो कुल 132 घंटे तक चलीं ।
पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के निर्देशानुसार और सदन के सदस्यों के सहयोग से 17वीं लोकसभा के अन्य सत्रों की भांति बजट सत्र में भी रिकॉर्ड कार्य हुआ। इस सत्र के दौरान सभा की उत्पादकता 114 प्रतिशत रही।
गौरतलब है कि लोकसभा अध्यक्ष बिरला कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण पिछले कुछ दिन से सदन की कार्यवाही संचालित नहीं कर रहे थे।
बजट सत्र की शुरूआत 29 जनवरी को हुई थी और मूल कार्यक्रम के अनुसार इसे आठ अप्रैल तक चलना था लेकिन कई सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष से सत्र को समय से पूर्व स्थगित करने की अपील की थी ताकि वे पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों पर ध्यान दे सकें ।
महताब ने बताया कि इस बजट सत्र में विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के लिए सभा 48 घंटे और 23 मिनट देर तक बैठी।
उन्होंने बताया कि सत्र के प्रथम चरण में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 16 घंटे 58 मिनट तक चर्चा हुई और इसमें 149 सदस्यों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के उत्तर के बाद सभा ने प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृत किया।
एक फरवरी 2021 को पेश किये गए केन्द्रीय बजट पर 14 घंटे और 42 मिनट तक चर्चा हुई जिसमे कुल 146 सदस्यों ने भाग लिया ।
वर्ष 2021-22 के लिए रेल मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुदानों की मांगों पर सदन में चर्चा की गई। इस चर्चा में कुल 21 घंटे और 43 मिनट का समय लगा ।
वर्ष 2021-22 के लिए केन्द्रीय बजट के संबंध में शेष सभी मंत्रालयों की बकाया अनुदानों की मांगों को 17 मार्च, 2021 को सभा की स्वीकृति के लिए एक साथ रखा गया और उन्हें स्वीकृत करने के बाद संबंधित विनियोग विधेयक को पारित किया गया।
इस सत्र में 17 सरकारी विधेयक पेश किये गये और इनमें कुछ विधेयक पारित किये गये। इनमें वित्त विधेयक, 2021, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2021, संविधान (अनुसूचित जातियां) आदेश संशोधन विधेयक, 2021, बीमा (संशोधन) विधेयक, 2021, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2021 और नौचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक, 2021 प्रमुख हैं।
महताब ने बताया कि प्रश्न काल के दौरान सदस्यों ने कार्यपालिका की जिम्मेदारी सुनिश्चित की और सत्र के दौरान 84 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए । प्रश्न काल के पश्चात तथा सायं देर तक बैठकर सदस्यों ने लोक महत्व के कुल 583 मुद्दे उठाए । सदस्यों ने नियम 377 के तहत कुल 405 मामले उठाए ।
आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभा में महिला सशक्तिकरण के संबंध में नियम 193 के अधीन अल्पकालिक चर्चा हुई ।
इस सत्र के दौरान, संबंधित मंत्रियों द्वारा 3591 दस्तावेज सभा पटल पर रखे गये ।
महताब ने बताया कि कोरोना महामारी के परिप्रेक्ष्य में, संसद भवन और विशेषतः लोक सभा चैम्बर में आवश्यक इंतज़ाम किये गए। सदस्यों, सचिवालय के अधिकारीयों और कर्मचारियों और संबंधित एजेंसियों के कर्मियों के लिए कोविड-19 जांच की व्यवस्था की गई।
संसद सदस्यों को सदन में लाए जाने वाले वित्तीय और विधायी विषयों के बारे में जानकारी देने के लिए 16 ब्रीफिंग सत्र आयोजित किये गए जिनमे संबंधित मंत्रालयों के अधिकारियों और अन्य विशेषज्ञों ने सदस्यों से जानकारी साझा की।
मौजूदा सत्र में सरकार के मंत्रियों ने स्वत: संज्ञान लेते हुए विभिन्न विषयों पर चार बयान दिये ।
गैर-सरकारी कामकाज के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं संबंधी बसपा सांसद रितेश पांडेय के निजी संकल्प पर इस सत्र में आगे चर्चा हुई जो अधूरी रही।
महताब की टिप्पणी के बाद वंदे मातरम की धुन बजाई गयी और सदन की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी सदन में मौजूद थे।
दीपक वैभव माधव
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