लॉकडाउन का असर राजस्थान की नि:शुल्क सेनेटरी पैड योजना पर भी
जमात

जयपुर, 18 अप्रैल कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के कारण लागू लॉकडाउन का असर राजस्थान में स्कूली बालिकाओं को निशुल्क सेनेटरी पैड वितरण योजना पर भी पड़ा है और राजस्थान राज्य बाल अधिकार आयोग इस मामले की जांच कर रहा है।

राजस्थान के दूर-दराज के इलाकों में विशेषकर स्कूली बालिकाओं में मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान सरकार निशुल्क सेनेटरी पैड योजना चला रही है। बालिकाओं को इनका वितरण स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए किया जाता है लेकिन बंदी के कारण ये दोनों ही बंद हैं।

अनेक भागीदारों ने यह मुद्दा उठाया था जिसके बाद राजस्थान राज्य बाल अधिकार आयोग ने मामले की जांच कर यह पता लगा रहा है कि क्या राज्य के विशेषकर दूरदराज के इलाकों में स्कूली लड़कियों को सैनिटरी पैड उपलब्ध नहीं हो रहे।

आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा,‘‘ यह मुद्दे मेरे संज्ञान में लाया गया है कि दूरदराज के क्षेत्रों में स्कूल जाने वाली लड़कियों के लिए सेनिटरी पैड उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि बंदी के कारण स्कूल बंद हैं। मैंने अधिकारियों से कहा है कि वे इस मामले की जांच करें और आगे की कार्रवाई करने के लिए एक रिपोर्ट पेश करें।’’

राजस्थान सरकार ने मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए संबंधित स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों के जरिए स्कूल जाने वाली लड़कियों को सेनेटरी पैड वितरण योजना शुरू की थी। विशेषज्ञों के अनुसार बंदी के कारण राज्य के लगभग सभी जिलों में दिक्कत बढ़ी है।

गैर सरकारी संगठन क्राई के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक धर्मवीर यादव ने कहा, ‘‘मासिक धर्म दौरान स्वच्छता एक बड़ा मुद्दा है। राज्य सरकार इस समस्या के समाधान के संबंध में जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर सकती है।’’

उन्होंने कहा कि राज्य के लगभग सभी जिलों में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

यादव ने कहा कि कुछ जिलाधिकारियों ने समेकित बाल विकास सेवा को स्टॉक जारी करने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश जारी किए हैं ताकि सेनेटरी पैड घर-घर जाकर दिए जा सकें।

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए राजस्थान में 22 मार्च से लॉकडाउन है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)