नयी दिल्ली, 14 दिसंबर : केवल चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों -जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, मिजोरम और मेघालय में ऋण देने वाली संस्थाएं प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर की आत्म निर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) के तहत आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर ऋण वितरित करने में सक्षम रहीं. एक संसदीय समिति के अवलोकन में यह जानकारी सामने आई है.
सोमवार को लोकसभा में पेश समिति की रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों ने लगभग 6.67 लाख ऋण आवेदनों को अधूरी घोषित किया, जिसमें विक्रेताओं द्वारा ऋण लेने में रुचि नहीं होने, अपर्याप्त दस्तावेज और अन्य कारणों का हवाला दिया गया. यह भी पढ़ें : हलफनामे के बिना दाखिल चुनावी याचिका को शुरुआती दौर में ही खारिज नहीं किया जा सकता: उच्चतम न्यायालय
योजना के तहत, विक्रेता 10,000 रुपये तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं, जो एक वर्ष के कार्यकाल में मासिक किस्तों में चुकाया जा सकता है.